वाराणसी: संस्कृत के विकास के लिए एक ओर जहां सरकार अपने कदम आगे बढ़ा रही है, तो वहीं, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (Sampurnanand Sanskrit University) इस कदम को वास्तविकता के धरातल पर परिलक्षित कर रहा है, जिसकी तस्वीर इन दिनों विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में भी दिखाई दे रही हैं. जी हां लोगों में संस्कृत भाषा के प्रति रुचि पैदा करने और इसे रोजगार परक बनाने के लिए विश्वविद्यालय एक नए पाठ्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है. खास बात यह है कि, इसमें विद्यार्थी घर बैठे ऑनलाइन माध्यम से कर्मकांड ज्योतिष शास्त्र और संस्कृत में प्रशिक्षण ले सकेंगे.
संस्कृत विश्वविद्यालय की ओर से अब ऑनलाइन संस्कृत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित किया जाएगा. इसमें सरल संस्कृत भाषा में विद्यार्थी ज्योतिष शास्त्र, कर्मकांड, वास्तु शास्त्र और पुरोहित्य और संस्कृत प्रशिक्षण कार्यक्रम 3 माह, 6 माह और 1 वर्ष में संपन्न कर लेंगे.
अब 3 से 6 माह में विद्यार्थी बनेंगे पंडित, संस्कृत विश्वविद्यालय ने शुरू किया पाठ्यक्रम
संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय (Sampurnanand Sanskrit University) एक नए पाठ्यक्रम की शुरुआत करने जा रहा है. इस पाठ्यक्रम के तहत विद्यार्थी घर बैठे कर्मकांड ज्योतिष शास्त्र और संस्कृत में प्रशिक्षण ले सकेंगे.
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विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर हरेराम त्रिपाठी ने बताया कि इस कोर्स के लिए एक समिति का गठन करके पाठ्यक्रम एवं स्टूडियो कार्य को शीघ्र ही तैयार कर लिया जाएगा. इसमें ऑनलाइन कार्यक्रम और पाठ्यक्रम के माध्यम से घर बैठे सभी लोग अपनी रूचि के अनुसार विभिन्न पाठ्यक्रमों में शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि इसके लिए कुलाधिपति और सीएम योगी आदित्यनाथ की ओर से एक करोड़ 16 लाख रुपये का बजट भी प्राप्त हो रहा है. जिससे संस्कृत को आम जनमानस तक उपलब्ध कराया जाएगा और इसके साथ ही उसके पाठ्यक्रम को रोजगार परक भी बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस प्रारूप से सभी वर्गों को कार्यक्रम के बारे में जानकारी भी हो जाएगी और लोग भ्रम,ठगी और अन्य व्याप्त कुरीतियों से दूर रहकर इस प्लेटफार्म का सार्थक प्रयोग कर सकेंगे.
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