वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय का उद्देश्य सेवा भाव का था. आज भी बीएचयू में पढ़ने वाले या यहां से शिक्षा ग्रहण कर चुके पूर्व छात्र उनके आदर्शों का पालन करते हैं. वैश्विक महामारी के दौर में भी छात्र संस्था के उत्थान के लिए खड़े हैं. दरअसल, सेवा भाव के तहत आईआईटी बीएचयू के पूर्व छात्रों ने संस्थान को महामारी से उबारने के लिए सहायता के तौर पर 5 लाख 84 हजार रुपये का आर्थिक योगदान दिया है. आईआईटी बीएचयू के 1975 बीटेक बैच के छात्र देश-विदेश में फैले हैं. ये धनराशि 52 छात्रों ने मिलकर विश्वविद्यालय को समर्पित की है.
जो है वह महामना का आशीर्वाद है
काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों ने कुलसचिव कार्यालय को लिखे गए पत्र में कहा है कि आज वो जो कुछ भी हैं, वह भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय और काशी हिंदू विश्वविद्यालय की देन हैं. छात्रों ने लिखा कि कोविड-19 महामारी के दौर में पूरा देश एकजुट है. हम पूर्व छात्र भी इस लड़ाई में पूरी सक्रियता एवं अपनी क्षमतानुसार विश्वविद्यालय के लिए योगदान कर रहे हैं. विश्वविद्यालय परिवार चिकित्सा और स्वास्थ्यकर्मी दिन-रात महामारी को हराने के लिए जन सेवा में जुटे हैं.
IIT बीएचयू के पूर्व छात्रों ने संस्थान को दिए 5 लाख 84 हजार
सेवा भाव के तहत आईआईटी बीएचयू के पूर्व छात्रों ने संस्थान को महामारी से उबारने के लिए 5 लाख 84 हजार रुपये का आर्थिक योगदान दिया है. आईआईटी बीएचयू के 52 बीटेक छात्रों (1975 बैच) ने विश्वविद्यालय को ये धनराशि समर्पित की है.
काशी हिंदू विश्वविद्यालय का आईआईटी परिसर.
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काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. नीरज त्रिपाठी ने सभी छात्रों को धन्यवाद पत्र प्रेषित किया है. वहीं आईआईटी बीएचयू डीन ऑफ एलुमनी प्रोफेसर राजीव श्रीवास्तव ने भी छात्रों को धन्यवाद ज्ञापित कर कृतज्ञता जतायी है.