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गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के विजिटर पद पर नियुक्त हुए बीएचयू के प्रो. हरिकेश सिंह

वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के पद पर काम कर चुके प्रो. हरिकेश सिंह (Former Professor Harikesh Singh Banaras Hindu University) को गुरुवार को बिहार के गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय (Gopal Narayan Singh University bihar) का सर्वोच्च पद विजिटर नियुक्त किया गया.

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रक्षा मंत्री राजनाथ के बैठे प्रो. हरिकेश सिंह

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Published : Aug 12, 2022, 10:05 AM IST

वाराणसी:काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर हरिकेश सिंह (Former Professor Harikesh Singh Banaras Hindu University) को गुरुवार को बिहार के प्रतिष्ठित गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय (Gopal Narayan Singh University bihar) का सर्वोच्च पद विजिटर नियुक्त किया गया. देव मंगल ट्रस्ट के संस्थापक, बिहार बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह ने स्वयं उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपा, जिसे प्रो सिंह ने स्वीकार किया.

प्रो. हरिकेश सिंह विश्वविद्यालय के इतिहास में ऐसे पहले व्यक्ति हैं, जो कई पद को सुशोभित कर चुके हैं. वे बिहार जय प्रकाश विश्वविद्यालय में कुलपति, काशी हिंदू विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय के पूर्व संकाय प्रमुख एवं विभागाध्यक्ष, डिपार्टमेंट ऑफ फॉउण्डेशन्स ऑफ एजुकेशन में पूर्व विभागाध्यक्ष, शिक्षा के अधिकार पर राज्य सलाहकार परिषद, उत्तर प्रदेश सरकार के सदस्य, आचार्यकुल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और काशी हिंदू विश्वविद्यालय अध्यापक संघ के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं. देश के प्रतिष्ठित संस्थाओं के विभिन्न उच्च स्तरीय कमेटियों के सदस्य रह चुके हैं- जैसे UGC, NAAC, NCTE, NCERT, RCI, MHRD, NUEPA समेत अन्य. विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति चयन समिति के सदस्य भी रहे.

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देव मंगल ट्रस्ट द्वारा जारी किए पत्र के अनुसार, पूर्व प्रोफेसर हरिकेश सिंह काशी हिंदू विश्वविद्यालय (Former Professor Harikesh Singh BHU) से छात्र राजनीति में सक्रिय रहे. वे दो बार सोशलिस्ट पार्टी की छात्र इकाई समाजवादी युवजन सभा से छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए चुनाव भी लड़े और इसके उपविजेता रहे. इसके अवाला वे विज्ञान संकाय और छात्रावास के कई बार अध्यक्ष भी रहे. छात्र राजनीति के दौरान छात्रहित में संघर्ष के लिए 1973 में लम्बे समय तक जेल में बंद रहे. आपातकाल के समय कांग्रेस के तानाशाही के विरुद्ध आंदोलनों का नेतृत्व भी किया और देश भर मे रणभेरी बंटवाने के कार्य का संयोजन किया. वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद के घरिहा गांव के निवासी हैं.

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