वाराणसी:प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में बना दुनिया का पहला फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन ( Floating CNG station ) बाढ़ में भी पूरी तरह सुरक्षित रहा. प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के निर्देश पर बने इस फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन पर गंगा के खतरे के निशान के ऊपर जाने के बावजूद कोई प्रभाव नहीं पड़ा. इस सीएनजी स्टेशन को डिजाइन करने वाले गेल इंडिया ने भी दावा किया था कि दुनिया के पहले पानी में तैरते सीएनजी स्टेशन पर बाढ़ का भी प्रभाव नहीं पड़ेगा. मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर जिला प्रशासन ने न सिर्फ बाढ़ की निगरानी की, बल्कि फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन को सुरक्षित रखने के लिए विशेषज्ञों ने रात-दिन निगरानी रख रही थी. इसके लिए कई तरह के एंकर (लंगर) और आधुनिक तरीको का उपयोग किया गया था.
दरअसल, देव दीपावली पर क्रूज से जल विहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डीजल बोट से जहरीला धुआं निकलते देखा तो उन्हें गंगा में सीएनजी आधारित बोट चलाने की सूझी थी. यह न सिर्फ मां गंगा के लिए आवश्यक था, बल्कि जलीय जंतु और पर्यावरण के लिए भी जरूरी था. पीएम के इस विजन को साकार करने के लिए मुख्यमंत्री योगी ने पहल की. गेल इंडिया ने इसके लिए डीजल बोट में सीएनजी लगाना शुरू किया. जरूरत थी ऐसे सीएनजी स्टेशन की जो इस बोट में आसानी से सीएनजी भर सके. तब दुनिया के पहले फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन का निर्माण हुआ, लेकिन गंगा में आने वाली हर वर्ष की बाढ़ इसके लिए चुनौती थी, जिसके लिए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन और गेल इंडिया के लोगों को सतर्क रहने और पहले से तैयारी के निर्देश दिए थे.
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