वाराणसी: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में BAMS के छात्र बीते 27 दिनों से सीट वृद्धि की मांग को लेकर धरनारत हैं. छात्रों का आंदोलन अनवरत जारी है. छात्र प्रदर्शन के बाद मंगलवार से भूख हड़ताल पर हैं. छात्रों का कहना है कि जब तक विवि प्रशासन उनकी मांगों को नहीं मानता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा. छात्र इस बार हार नहीं मानेंगे.
बता दें कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बीएएमएस के छात्र 26 दिनों से सीट बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. छात्रों का यह धरना कुलपति आवास के सामने चल रहा है. छात्रों का कहना है कि यदि उनकी मांग अक्टूबर में ही मान ली जाती तो उन्हें इस तरीके का आंदोलन नहीं करना पड़ता. 31 अक्टूबर को नेशनल कमिशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ़ मेडिसिन का पोर्टल बंद हो गया है, जहां छात्र पीजी रजिस्ट्रेशन कराने की मांग कर रहे हैं.
पीजी में 45 सीट बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलनरत छात्रों का कहना है कि केवल अक्टूबर में ही नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ़ मेडिसिन का पोर्टल खुलता है. अक्टूबर के बाद सीट बढ़ोतरी का काम बंद हो गया है. लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन की तानाशाही नहीं खत्म हुई. छात्रों ने कहा कि बीते 2 सालों से ऐसे ही विश्वविद्यालय प्रशासन हमारी मांगों को अनसुना कर रहा है और इस बार फिर से वह अपनी मनमानी कर रहा है.
फीस वृद्धि के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को महज 80 लाख का भुगतान करना है. लेकिन, विवि प्रशासन नहीं कर रहा है. छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन के पास इतनी शक्ति है कि वह पोर्टल को पुनः खुलवा करके रजिस्ट्रेशन करा दे. लेकिन, वह ऐसा नहीं कर रहा. इसलिए अब वे भूख हड़ताल के जरिए अपनी आवाज को बुलंद कर रहे हैं. छात्रों ने कहा कि उनका आंदोलन तब तक चलेगा, जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी बातों को सुन नहीं लेता है.
खुले आसमान के नीचे रात बिता रहे छात्र