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Published : Oct 21, 2021, 12:20 PM IST

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सुलतानपुर में नई पहल: मेहंदी और नींबू की बगिया से महिलाओं को मिलेगा रोजगार

गांवों में रोजगार पैदा करने की मंशा के अनुरूप सुलतानपुर के विकास विभाग ने एक अनोखी पहल की है. अब यहां मेहंदी और नींबू के पौधे वैज्ञानिक ढंग से लगाए जाएंगे. इससे महिलाओं के लिए भी रोजगार पैदा होगा. आगे जानिए कि इस पहल से कैसे रोजगार मिलेगा.

सुलतानपुर में नई पहल.
सुलतानपुर में नई पहल.

सुलतानपुर: घर की गृहस्थी तक सीमित रहने वाली महिलाओं को आर्थिक आजादी देने के लिए विकास विभाग ने नई पहल शुरू की है. अति निर्धन परिवार के स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को पट्टा भूमि के लिए आवंटित किया जाएगा, जिस पर मेहंदी और नींबू के वैज्ञानिक ढंग से पौधे लगाए जाएंगे. मेहंदी की पैकिंग और नींबू की पैकिंग कर उन्हें निजी व्यापार मुहैया कराने की पहल से जोड़ा जाएगा. प्रत्येक ग्राम पंचायतों में यह कवायद शुरू की जा रही है.

सुलतानपुर में नई पहल.
सुलतानपुर जिले में 10,000 से अधिक ऐसे परिवार हैं, जो भूमिहीन हैं. उनके पास खेती किसानी करने के लिए कोई जगह नहीं है. कोई रोजगार नहीं है. ऐसे में वे 2 जून की रोटी के लिए रोजाना संघर्ष करते हैं. ऐसे लोगों को स्वयं सहायता समूह से जोड़ते हुए एक रोजगार मुहैया कराने की दिशा में विकास विभाग की तरफ से यह नई पहल शुरू की जा रही है. जिलाधिकारी भूमि आवंटन कराएंगे और विकास विभाग के मुख्य विकास अधिकारी और बीज और रोपण का दायित्व अपने कंधों पर लेंगे.
ईटीवी भारत की टीम ने इस पहल के बारे में स्वयं सहायता समूह के कर्मचारी रवि कुमार से बातचीत की. इस पर उन्होंने कहा कि यह पहल हमारे लिए काफी लाभदायक सिद्ध होगी. नींबू को हम बाजार में बेच सकेंगे और मेहंदी की पैकिंग कर उसके लिए मार्केट तैयार करेंगे. उन्होंने इस पहल को शुरू करने वाले मुख्य विकास अधिकारी का धन्यवाद भी ज्ञापित किया.वहीं एक दूसरे स्वयं सहायता समूह सोनू कुमार ने कहा कि यह सरकार की बहुत अच्छी योजना है. मेहंदी और नींबू से हमें एक रोजगार मिलेगा और एक नई दिशा पाकर हम और हमारा परिवार एक अच्छा मुकाम हासिल कर सकता है.


जिला उद्यान अधिकारी रणविजय सिंह ने बताया कि निर्धन लोगों के लिए भूमि का चयन किया जा रहा है. स्वयं सहायता समूह के लोगों के नाम पर भूमि का पट्टा किया जाएगा. इसके बाद नींबू और मेहंदी की खेती के लिए उन्हें संसाधन मुहैया कराए जाएंगे. हर संभव वैज्ञानिक खेती के लिए मदद करने का प्रयास किया जा रहा है.

मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स ने कहा कि जब तक महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता नहीं मिलती है, तब तक राजनीतिक स्वतंत्रता का कोई मतलब नहीं होता है. नींबू और मेहंदी की क्रॉप फसल तैयार करने की पहल जिलाधिकारी के सहयोग से शुरू की जा रही है. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को इसका हिस्सा बनाया जाएगा. रोजगार परक बनाने की दिशा में यह कार्य किया जा रहा है. इन्हें अपने पैर पर खड़ा करने के लिए क्रॉप कराने का प्रयास किया जा रहा है.

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