सीतापुर: देवभाषा संस्कृत के उत्थान के लिए सरकार भले ही प्रयास कर रही हो, लेकिन सीतापुर में संचालित संस्कृत विद्यालयों को अपना अस्तित्व बचाने के लिए जूझना पड़ रहा है. इन विद्यालयों में छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों का अभाव है. जिले में 13 संस्कृत विद्यालय 10 शिक्षकों के सहारे चल रहे हैं, तो सात विद्यालयों में शिक्षक ही नहीं है. ऐसे में इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य भी अंधकारमय होता जा रहा है.
नहीं हो रही रिक्त पदों पर भर्ती:
पूरे जिले में संस्कृत भाषा के कुल 18 विद्यालय संचालित है. जिनमें 13 विद्यालय अशासकीय सहायता प्राप्त और पांच विद्यालय वित्तविहीन मान्यता प्राप्त है. वित्तविहीन को छोड़कर अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के कुल 42 पद है. जिन पर कुछ समय पहले तक शिक्षक भी कार्यरत थे, लेकिन धीरे-धीरे शिक्षक सेवानिवृत्त होते गये और रिक्त पदों की संख्या बढ़ती गयी.