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रिटायर्ड तहसीलदार 70 साल की उम्र में बने दूल्हा, परिवार ने ठण्ड में घर से निकाला

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Published : Jan 2, 2022, 8:54 PM IST

यूपी के शामली में एक रिटायर्ड तहसीलदार को 70 साल की उम्र में दूसरी शादी करना भारी पड़ गया. आरोप है कि दूसरी शादी का पता चलने पर बेटे व परिवार के लोगों ने उन्हें ठण्ड में घर से बाहर निकालते हुए मकान में ताला लगा दिया है. पीड़ित ने शिकायत के बावजूद भी पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते, हुए न्याय के लिए अधिकारियों का दरवाजा खटखटाया है.

रिटायर्ड तहसीलदार 70 साल की उम्र में बने दूल्हा
रिटायर्ड तहसीलदार 70 साल की उम्र में बने दूल्हा

शामली : जिले में एक रिटायर्ड तहसीलदार इन दिनों कड़कड़ाती ठण्ड में अपने घर से बेघर हैं. परिवार के लोगों ने सामान कब्जे में लेते हुए उन्हें घर से बाहर निकाल दिया है. दरअसल, 70 वर्षीय रिटायर्ड तहसीलदार ने अपनी जिंदगी के अकेलेपन को भरने के लिए एक महिला से शादी कर ली है, जिसके चलते उन्हें परिवार के जुल्मों-सितम का सामना करना पड़ रहा है.

70 की उम्र में शादी करने पर घर से निकाला

दरअसल, शामली शहर के मोहल्ला दयानंदनगर निवासी नरेंद्र शर्मा रिटायर्ड तहसीलदार हैं. नरेंद्र शर्मा ने बताया कि करीब 9 साल पहले उनकी पत्नी की मौत हो गई थी. इसके बाद से वे करीब सात साल से अपने मकान में अकेले रह रह थे. बेटे और बहू उनके साथ नहीं रहते थे, जिसके चलते उन्हें बुढ़ापे में जीवन-यापन करने में कठिनाई हो रही थी. नरेंद्र शर्मा ने बताया कि बुढ़ापे के समय मोहल्ले में ही किराए के मकान में रहने वाली तलाकशुदा महिला 44 वर्षीय पारूल ने उनकी काफी सेवा की, इसके चलते उन्हें महिला से लगाव हो गया.

रिटायर्ड तहसीलदार ने बताया कि उन्होंने पारूल के साथ रजिस्ट्रार ऑफिस पहुंचकर शादी का रजिस्ट्रेशन करा दिया है, इससे उनके परिवार वाले खुश नहीं है. उन्होंने बताया कि शादी करने से नाखुश परिवार के लोगों ने उन्हें घर से बाहर निकालते हुए मकान में ताला लगा दिया है. इसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. फिलहाल वें अपने परिचित के पास ठहरे हुए हैं.

परिवार पर दर्ज करा चुके हैं मुकदमा

रिटायर्ड तहसीलदार ने बताया कि परिवार के लोगों ने कभी उनकी देख-रेख नहीं की. इसके बावजूद भी उन्होंने पत्नी की मौत के बाद अपनी पुत्रवधू के नाम मकान कर दिया है, लेकिन अब शादी करने के बाद परिवार के लोगों ने उन्हें बुढ़ापे में मकान से बाहर निकाल दिया है. तहसीलदार ने बताया कि भले ही उन्होंने मकान पुत्रवधू के नाम कर रखा है, लेकिन परिवार के लोग उनसे मकान में रहने का हक नहीं छीन सकते हैं.

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रिटायर्ड तहसीलदार ने बताया कि उन्होंने 16 दिसंबर को बेटे अरूण, भाई विनोद कुमार और परिवार के ही विपिन के खिलाफ मारपीट कर मकान से भगाने और सामान समेत जेवर नकदी, कपड़े, स्कूटी और जरूरी सामान चोरी करने के आरोप में शहर कोतवाली पर मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रही है. पीड़ित रिटायर्ड तहसीलदार ने रविवार को एसपी शामली से शिकायत करते हुए न्याय की गुहार लगाई है.

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