शामली: कई दिनों से जारी बेमौसम बारिश से यूपी में यमुना नदी उफान पर है. जिले में यमुना के इस उफान ने खादर के किसानों को बर्बाद कर दिया हैं. यहां खादर क्षेत्र में प्लेज की खेती करने वाले किसानों की फसलें पूरी तरह से पानी में डूबकर नष्ट हो गई है. कर्ज पर बीज लेकर खेती करने वाले यें किसान अब सिर्फ बेबसी के आंसू बहाते नजर आ रहे हैं.
पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के चलते पिछले कई दिनों से वेस्ट यूपी में भारी बरसात, ओलावृष्टि देखने को मिल रही है. बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि के चलते मैदानी इलाकों में गेहूं और सब्जियों की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. बारिश के चलते यूपी में यमुना नदी भी उफान पर आ गई है. इस मौसम में यमुना में जलस्तर बढ़ने से प्लेज की खेती भी नष्ट हो गई है.
फसल हुई बर्बाद
शामली के यमुना खादर क्षेत्र में यमुना का जलस्तर बढ़ने से प्लेज की खेती पर आधारित तरबूज, खरबूजा, घिया, ककड़ी और मिर्च की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है. प्लेज की खेती करने वाले किसानों को इससे भारी नुकसान हुआ है. सारी फसले यमुना में आए उफान से बर्बाद हो गई हैं. प्लेज की खेती करने वाले केवट, मल्लाह बिरादरी के किसानों के लिए इस बार कर्ज पर लिए गए बीज का दाम चुकाना भी मुश्मकिल हो जाएगा नहीं हो पाएगा.
कर्ज पर लिया था बीज, अब कैसे होगी भरपाई
शामली के यमुना खादर में प्लेज की खेती करने वाले किसान अबरार, मतलूब और मोबीन ने बताया कि उन्होंने ब्याज पर रूपए लेकर प्लेज की खेती के लिए बीज खरीदे थे. किसानों ने बताया कि इसी खेती के सहारे उनके परिवारों की वर्षभर की आजीविका चलती है. इस बार बारिश के चलते यमुना में जलस्तर बढ़ने से उनकी सारी उम्मीदें टूट गई हैं. ऐसे में अब बीज के पैसे चुकाने में भी परेशानी हो रही है. किसानों ने सरकार से फसल के मुआवजे की मांग की है.
केवट मल्लाह समिति ने उठाई आवाज
यमुना में प्लेज की खेती को हुए नुकसान के चलते केवट मल्लाह एकता सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुस्तकीम मल्लाह ने भी क्षेत्र का दौरा किया. उन्होंने बताया कि सरकार को प्लेज की खेती करने वाले किसानों की कोई परवाह नहीं है. मल्लाह ने बताया कि वें प्लेज की खेती करने वाले किसानों के नुकसान के बारे में जिले के अधिकारियों को अवगत कराते हुए मुआवजे की मांग करेंगे.
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