संभलः जिले के श्यामसुंदर मेमोरियल डिग्री कॉलेज में कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन नहीं कराया जा रहा है. यहां ईटीवी भारत की टीम जब गई तो स्नातक स्तर के प्रैक्टिकल के असाइनमेंट वितरित किए जा रहे थे. न तो विद्यार्थियों के बीच कोई सोशल डिस्टेंसिंग थी और न ही मास्क. बहुत कम ऐसे विद्यार्थी थे जिन्होंने मास्क लगा रखा था. मेन गेट पर भी सैनिटाइजर और मास्क चेकिंग की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी.
संभल के चंदौसी स्थित एसएम डिग्री कॉलेज (श्यामसुंदर मेमोरियल डिग्री कॉलेज) में प्रैक्टिकल असाइनमेंट वितरण के दौरान कोरोना गाइडलाइन्स की धज्जियां उड़ाई गईं. जिला का ये काफी पुराना डिग्री कॉलेज है. इसमें जिले के आसपास के तहसीलों से भी बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं. क्योंकि यहां हर विषय में चाहे वो साइंस हो, आर्ट हो, कामर्स हो या वकालत की पढ़ाई हो. इस डिग्री कॉलेज में हर विषय में स्नातक और परास्नातक की पढ़ाई होती है.
कोविड-19 के गाइडलाइन की उड़ी धज्जियां साल 1908 में एसएम हाईस्कूल की स्थापना हुई थी. इसके बाद 1946 में इसने एसएम डिग्री कॉलेज का रूप ले लिया. यह डिग्री कॉलेज एक तो विभिन्न विषयों में शिक्षा देने के साथ-साथ बहुत बड़े एरिया में फैला हुआ है. कॉलेज के अंदर बहुत बड़ा खेल परिसर इनडोर और आउटडोर एक बहुत बड़ा हॉस्पिटल भी है. जिले के इतने पुराने और इतने बड़े डिग्री कॉलेज में ही अगर कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कराया जाएगा, तो बाकी के स्कूलों और कॉलेजों की क्या दशा होगी.
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जब ईटीवी भारत की टीम डिग्री कॉलेज पहुंची तो कोरोना संक्रमण न फैले इस वजह से स्नातक के प्रैक्टिकल को कॉलेज में न कराकर घर के लिए असाइनमेंट दिए जा रहे थे. विद्यार्थी घर जाकर आराम से अपने प्रैक्टिकल का असाइनमेंट पूरा कर लें. लेकिन हमने खुद देखा और अपने कैमरे में कैद किया कि विद्यार्थी प्रैक्टिकल असाइनमेंट पाने की होड़ में बगैर लाइन लगाए ही भीड़ के रूप में चिपक कर खड़े हुए हैं. कोई सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखी और न ही किसी ने मास्क लगा रखा था. हद तो तब हो गई जब कॉलेज के मेन गेट पर सैनिटाइजर की भी कोई व्यवस्था या मास्क की चेकिंग कॉलेज प्रबंधन द्वारा नहीं की जा रही थी.