प्रयागराज:यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को देखते हुए यूपी में सियासी बिसात बिछ चुकी है. ताबड़तोड़ रैलियां, जनसभा और चुनावी जुमलों के साथ सभी पार्टियों ने कमर कस ली है और उतर चुके हैं मैदान में चुनावी किला फतह करने. वहीं कांग्रेस ने तो अपने पत्ते भी खोल दिए. कांग्रेस ने इलाहाबाद शहर उत्तरी से चार बार विधायक रहे अनुग्रह नारायण पर भरोसा जताया और उनके उम्मीदवार होने की घोषणा कर दी.
यूपी विधानसभा चुनाव 2022: प्रयागराज उत्तरी विधानसभा सीट से कांग्रेस ने खोले पत्ते तो चढ़ा सियासी पारा
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर कांग्रेस ने इलाहाबाद उत्तरी विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बीते 6 सितंबर को घोषित कर दिया. कांग्रेस ने इस सीट से अनुग्रह नारायण के नाम पर मोहर लगाई है जिसके बाद से सियासी हलचल तेज हो गई है.
प्रयागराज की शहर उत्तरी विधानसभा सीट से कांग्रेस ने सबसे पहले उम्मीदवार के नाम की घोषणा करते ही अब बाकी पार्टियों पर सबकी निगाहें टिकी हैं. वहीं समाजवादी पार्टी के नेताओं का कहना है कि कांग्रेस डूबती हुई नाव है चाहे जितना पहले वो कैंडिडेट घोषित कर दें उसका कोई लाभ मिलने वाला नहीं है क्योंकि कांग्रेस के पास चुनाव में उतारने के लिये कोई चेहरा नहीं हैं. इसी वजह से कांग्रेस ने चुनाव की डेट तय होने से पहले ही उम्मीदवार के नाम का एलान कर दिया है.
कांग्रेस पार्टी ने चुनाव से बीते 6 सितम्बर को ही प्रयागराज के शहर उत्तरी विधानसभा सीट से चार बार विधायक रह चुके अनुग्रह नारायण सिंह को चुनाव लड़ने के लिए हरी झंडी दे दी है. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव यूपी के सह प्रभारी बाजीराव खांडे ने कार्यकर्ता सम्मेलन में अनुग्रह नारायण सिंह के शहर उत्तरी से चुनाव लड़ने का एलान कर दिया. जिसके बाद से अनुग्रह नारायण सिंह ने विधानसभा चुनाव की तैयारी भी तेज कर दी है.
वहीं उम्मीदवार बनाये जाने के बाद अनुग्रह नारायण सिंह ने पार्टी के आलाकमान का आभार जताया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में जनता वर्तमान सरकार के कार्यों से परेशान हो चुकी है. सरकार की नीतियों से मंहगाई बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गई है. गरीब और मध्यम वर्ग पूरी तरह से टूट चुका है जिस वजह से जनता ने प्रदेश में सत्ता परिवर्तन का मन बना लिया है. आने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश से भाजपा की सत्ता जाने वाली है. लोग सरकार से नाराज हैं और सपा बसपा के पिछले कार्यकाल में जनता उनकी नीतियों को भी जान चुकी है. यही वजह है कि 2022 के चुनाव में यूपी की जनता कांग्रेस को विकल्प के रूप में चुनेगी.