प्रयागराज:ईद की नमाज हो या रमजान या फिर अन्य दिन पांच वक्त की नमाज टोपी के बगैर अधुरी लगती है. माह-ए-पाक रमजान के खास मौके पर इस बार बाजार में टोपियों की कई नई वैरायटी देखने को मिल रही है. वहीं, फैशन के इस दौर में बाजार भी पूरी तरह से अपडेट है. वहीं, युवाओं की मांग को देखते हुए फैशनेबल टोपियां बाजार में उपलब्ध हैं. इधर, प्रयागराज के चौक बाजार में रंग बिरंगी डिजाइनर टोपियां आ चुकी है. बाजार में अबकी सस्ती व कीमती दो ही टोपियों की भरमार है तो वहीं रोजेदारों में टोपियों के खरीदने को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. टोपी विक्रेताओं की मानें तो यहां बच्चों को चांदतारा और कुरेशिया की टोपी भा रही है तो युवाओं की पहली पसंद लखनऊवा और अफगानी टोपियां बनी हैं.
टोपियों की बढ़ी मांग: बूढ़े-नौजवान से लेकर बच्चे भी ईद के लिए अपनी मनपसंद टोपियों की खरीदारी करने में लगे हैं. दुकानदारों का कहना है कि माह-ए-रमजान में टोपियों की मांग बढ़ जाती है. हर बार कुछ न कुछ मार्केट में खास होता है. वहीं, अबकी बाजार में टोपियों की ढेर सारी वैरायटी उपलब्ध हैं.
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कई किस्म की टोपियां: लोगों को रंग बिरंगी काटन, चांद-सितारे, मोती जड़ी और फैशनेबल टोपियां काफी पसंद आ रही हैं. बाजार में वैसे तो विदेशी ब्रांड की टोपियां भी देखने को मिल रही है. लेकिन भारतीय टोपियों की डिमांड सबसे ज्यादा है. चिकन से बनी टोपियां खादी, प्रिटेंड, और काटन से बनी टोपी लोगों को खूब पसंद आ रही है.
विदेशी टोपियों की मांग: बाजार में यूं तो हैंडमेड से लेकर मशीन निर्मित टोपियों की कई वेरायटी मौजूद है और इनमें सबसे ज्यादा लखनऊवा और स्पेशल टोपियां विदेशों से आई हैं. टोपी कारोबारी मोहम्मद जाकिर मिर्जा की मानें तो यहां इंडोनेशियन, बंगलादेशी के साथ ही अफगानी और ईरानी टोपियों को लोग काफी पसंद कर रहे हैं. वहीं, रमजान के दौरान पूरे शहर में आम दिनों की अपेक्षा 3 गुना अधिक टोपियां बिक जाती है.
कुरैशिया का जलवा:एक तरफ जहां लोगों को विदेशी टोपियां अपनी ओर खींच रही हैं तो वहीं दूसरी ओर लोकल लेवल पर हाथों से बनी टोपियां भी अपना जादू बरकरार रखे हुए हैं. इसके साथ ही कई शहरों से आई अलग-अलग वेरायटी की टोपियां भी बाजार में अपना जलवा बिखेरे हुए हैं. इधर, टोपियों की कीमत पर एक विक्रेता ने बताया कि बाजार में 50 से लेकर 700 तक की टोपी मिल रही है.
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