प्रयागराज:इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में डायग्नोस्टिक सेंटरों पर जांच पर ली जाने वाली अधिकतम फीस निर्धारित करने पर संतुष्टि प्रकट की है. राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी. अब डायग्नोस्टिक सेंटरों द्वारा आरटीपीसीआर टेस्ट का शुल्क 500-900 और एन्टीजेन टेस्ट का शुल्क 200 रुपये लिया जाएगा. इसी प्रकार सिटी स्कैन के अलग-अलग स्लाइस (अंशों/भागों) की जांच रिपोर्ट का शुल्क अधिकतम दो हजार रुपये से शुरू होकर 2500 रुपये तय किया गया है. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से डायग्नॉस्टिक जांच दर पर रिपोर्ट मांगी थी, जिस पर यह रिपोर्ट दाखिल की गई. यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा व न्यायमूर्ति अजीत कुमार की खंडपीठ ने कोरोना संक्रमण और क्वारंटाइन केंद्रों की खराब स्थिति को लेकर स्वतः कायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया. हाईकोर्ट इस जनहित याचिका पर 7 जून को सुनवाई करेगा.
हाईकोर्ट ने डायग्नोस्टिक सेंटरों पर शुल्क तय करने का दिया था आदेश
हाईकोर्ट ने सरकार को कहा था कि वह डायग्नोस्टिक सेंटरों द्वारा जांच के नाम पर वसूले जा रहे मनमानी शुल्क की अधिकतम सीमा तय कर कोर्ट को बताए. सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि डायग्नोस्टिक सेंटरों द्वारा सिटी स्कैन की 16 स्लाइस तक 2000 रुपये तय किया गया है. इसके ऊपर 16 से 64 स्लाइस तक 2250 और 64 से ऊपर की स्लाइस पर 2500 चार्ज किया जाएगा. ट्रू नाट प्राइवेट टेस्टिंग का शुल्क 1200 रुपये निर्धारित किया गया है.