प्रयागराज :मोतीलाल नेहरु राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान का 17वां वार्षिक दीक्षान्त समारोह 2020 संस्थान के सेमिनार हॉल में वर्चुअल मोड में ऑनलाइन आयोजित किया गया. समारोह के मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉक्टर रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने इस अवसर पर लोगों का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए कहा कि प्रयागराज की पावन धरती की नई साधना के उपरान्त एक शक्ति पुन्ज के रूप में ज्ञान, विज्ञान और अनुसंधान को आगे ले जाने वाले योद्धा के रूप में हमारे टेक्नोक्रेट्स देश को विश्व गुरु बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका बनाएंगे.
'सीखने की सतत आजीवन प्रक्रिया होनी चाहिए'
अपने सम्बोधन में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि आज के बदलते परिवेश में सीखने की एक सतत आजीवन प्रक्रिया होनी चाहिए. इसलिए हमेशा नवीन ज्ञान एवं कौशल सीखने और प्राप्त करने के अवसरों को खोजने का प्रयास करना चाहिए. संस्थान ने उच्च गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्रदान करके आप लोगों में निवेश किया है. अब समय आ गया है अपनी जिम्मेदारी संभालने का, एक योद्धा के रूप में राष्ट्र निर्माण में भाग लेने का और देश को एक विकसित, उच्च शिक्षित, स्वस्थ, सुरक्षित तथा विश्व गुरु के रूप में बदलने में हमारे यशस्वी एवं दूरदर्शी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सपने को साकार करने का.
'नई शिक्षा नीति से देश के विकास में महत्वूर्ण भूमिका निभाएंगे संस्थान'
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने संस्थान के पुराछात्रों को बधाई देते हुए कहा कि प्रयागराज की पवित्रता जीवन भर मन मस्तिष्क में छाई रहनी चाहिए. प्रौद्योगिकी, नवाचार एवं अनुसंधान के संगम को विरासत के रूप में संजोकर रखने की जरूरत है. भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में प्रमुख योगदान दे रहा है. भारतीय शिक्षा प्रणाली चरक, सुश्रुत, आर्यभट्ट, भास्कराचार्य, चाणक्य, पतंजलि और पाणिनी जैसे कई अन्य विद्धानों का उत्पादन किया है. उन्होंने गणित, खगोल विज्ञान, धातु विज्ञान, चिकित्सा विज्ञान इन्जीनियरिंग इत्यादि विभिन्न क्षेत्रों में विश्व ज्ञान के लिए मौलिक योगदान दिया है. इसके बाद उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सहयोग से संस्थान देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. उक्त कार्यक्रम में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने हीरक जयन्ती भूमिगत पार्थ पथ का ऑनलाइन उद्घाटन भी किया.
'युवा टेक्नोक्रेट्स से होकर गुजरती है आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना'
प्रो. डीपी सिंह, चेयरमैन, बोर्ड ऑफ गवर्नर्स ने सभी डिग्री प्राप्तकर्ताओं को अपनी हार्दिक बधाई दी और छात्रों से भारतीय लोकाचार का सही सार प्रस्तुत करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना भारत के युवा टेक्नोक्रेट्स से होकर गुजरती है. इसके बाद संस्थान के निदेशक प्रोफेसर राजीव त्रिपाठी ने कार्यक्रम में शामिल सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए संस्थान की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए बताया कि संस्थान बुनियादी ढांचे के विकास में प्रमुख पहल के साथ-साथ शिक्षण एवं अनुसंधान में उत्कृष्टता के शैक्षिक प्रयास में भी अग्रणी है.