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विरोध के बाद शायरों के नाम के आगे दोबारा लगाया गया इलाहाबादी, जानें क्या है मामला

प्रयागराज के मशहूर कवि श्लेष गौतम का कहना है कि इस तरह शायरों के नाम को बदलना मनमानी है. किसी व्यक्ति की उसके नाम से ही पहचान होती है. इसे आयोग ने बदलकर ठीक नहीं किया. इस मसले पर सभी मशहूर शायरों के नाम को न सिर्फ बदलकर प्रयागराजी शब्द हटाया जाना चाहिए बल्कि दोबारा इलाहाबादी कर देना चाहिए. इस चूक के लिए माफी भी मांगनी चाहिए.

विरोध के बाद शायरों के नाम के आगे दोबारा लगा इलाहाबादी, जानें क्या है मामला
विरोध के बाद शायरों के नाम के आगे दोबारा लगा इलाहाबादी, जानें क्या है मामला

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Published : Dec 29, 2021, 7:17 PM IST

प्रयागराज : नेताओं और साहित्यकारों के विरोध के बाद उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने अपनी वेबसाइट पर अकबर इलाहाबादी का नाम फिर से इलाहाबादी कर दिया. इससे पहले आयोग की वेबसाइट पर अकबर इलाहाबादी, तेग़ इलाहाबादी और राशिद इलाहाबादी के नाम के आगे से इलाहाबादी हटाकर उसे प्रयागराज कर दिया गया था.

इसकी जानकारी मिलने के बाद साहित्य जगत में इसकी आलोचना शुरू हो गयी. साथ ही नेताओं और सोशल मीडिया में भी मशहूर शायरों के नाम बदले जाने को लेकर विरोध शुरू हो गया. इसके बाद बुधवार को उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की वेबसाइट पर फिर से सभी साहित्यकारों के नाम के आगे से प्रयागराज हटाकर इलाहाबादी कर दिया गया है.

विरोध के बाद शायरों के नाम के आगे दोबारा लगाया गया इलाहाबादी, जानें क्या है मामला

पिछली शताब्दी में प्रयागराज के तीन मशहूर शायरों अकबर इलाहाबादी, राशिद इलाहाबादी और तेग इलाहाबादी के नाम को बदलकर अकबर प्रयागराज, राशिद प्रयागराज और तेग प्रयागराज कर दिया गया. इसे लेकर प्रयागराज के नेताओं और साहित्यकारों ने नाराजगी जतायी. साथ ही सोशल मीडिया में भी नाम बदलने के मुद्दे पर लोगों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया.

इसके बाद बुधवार को उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की वेबसाइट पर पुनः सभी शायरों के नाम के आगे से प्रयागराज को बदलकर इलाहाबादी कर दिया गया. हालांकि इस पूरे मामले में उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की तरफ से कोई भी कुछ भी बोलने को सामने नहीं आया. इस वजह से इस बात की भी तस्दीक नहीं हो सकी है कि शायरों के नाम के आगे से इलाहाबादी हटाकर प्रयागराज कब और किसके कहने पर किया गया.

साथ ही सोशल मीडिया में फजीहत होने के बाद किसके द्वारा फिर से नामों को पहले की तरह सही करवा दिया गया. इस मामले पर बात करने के लिए ईटीवी भारत की टीम जब प्रयागराज स्थित आयोग के दफ्तर पहुंची तो कार्यालय बंद मिला. साथ ही इस मसले पर बात करने के लिए कोई अफसर सामने नहीं आया.

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कवि श्लेष गौतम ने जतायी नाराजगी

प्रयागराज के मशहूर कवि श्लेष गौतम का कहना है कि इस तरह शायरों के नाम को बदलना मनमानी है. किसी व्यक्ति की उसके नाम से ही पहचान होती है. इसे आयोग ने बदलकर ठीक नहीं किया. इस मसले पर सभी मशहूर शायरों के नाम को न सिर्फ बदलकर प्रयागराजी शब्द हटाया जाना चाहिए बल्कि दोबारा इलाहाबादी कर देना चाहिए. इस चूक के लिए माफी भी मांगनी चाहिए.

बता दें कि उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग की वेबसाइट पर इलाहाबाद के बारे में जिस पेज पर लिखा गया है, उसी पर अकबर इलाहाबादी समेत प्रयागराज के दूसरे साहित्यकारों और महत्वपूर्ण विषयों पर लिखा हुआ है. उसी में अकबर इलाहाबादी समेत दूसरे शायरों के नाम के बारे में जिक्र है. उसी स्थान पर नाम के आगे से इलाहाबादी हटाकर प्रयागराज कर दिया गया था.

कांग्रेस नेता ने बताया नाम बदलने की बीमारी

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बाबा अभय अवस्थी का कहना है कि वर्तमान सरकार को नाम बदलने की बीमारी है. अभी तक ये सरकार जिलों और सरकारी योजनाओं का नाम बदलती थी, अब विधानसभा चुनाव से पहले और कुछ नहीं मिला तो मशहूर शायरों का नाम बदलना शुरू कर दिया.

उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह से किसी महान हस्ती के नाम या पहचान के साथ छेड़छाड़ की गयी तो कांग्रेस उसका सड़को पर उतरकर विरोध करेगी.

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