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विधायक धीरज ओझा ने किया चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन, वीडियो बनाने पर समर्थकों ने की पत्रकारों से मारपीट

प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज से विधायक धीरज ओझा और उनके समर्थकों ने शनिवार को चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन करते हुए जिले स्थित बाराही धाम पर आयोजित महोत्सव में महिलाओं को साड़ी बांटी गई. जिसका वीडियो बनाने पर पत्रकारों के साथ बीजेपी विधायक के समर्थकों ने बदसलूकी और जमकर मारपीट भी की.

विधायक धीरज ओझा
विधायक धीरज ओझा

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Published : Jan 9, 2022, 9:36 AM IST

प्रतापगढ़: अक्सर विवादों से घिरे रहनेवाले रानीगंज विधायक धीरज ओझा और उनके समर्थकों ने शनिवार को चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन किया. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की घोषणा के बाद लगी आदर्श चुनाव आचार संहिता के बाद भी जिले स्थित बाराही धाम पर आयोजित महोत्सव में महिलाओं को साड़ी बांटी गई. जिसका वीडियो बनाने पर पत्रकारों के साथ बीजेपी विधायक के समर्थकों ने बदसलूकी और जमकर मारपीट भी की. मामला यहीं नहीं थमा, पत्रकारों का मोबाइल छीनकर बनाए गए वीडियो को भी डिलीट कर दिया गया. हालांकि देर शाम रानीगंज थाने में सीओ के सामने विधायक ने इस घटना पर खेद प्रकट करते हुए पत्रकारों से माफी मांगी.

आचार संहिता के बावजूद महिलाओं को बांटी जा रही थी साड़ी

चौहरजन धाम (बाराही धाम) पर शनिवार को बाराही महोत्सव का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम का कवरेज करने के लिए बीजेपी विधायक धीरज ओझा के मीडिया प्रभारी ललित तिवारी ने पत्रकारों को आमंत्रित किया था. कवरेज करने के लिए रानीगंज तहसील के पत्रकार कार्यक्रम में गए थे. कार्यक्रम के दौरान ही निर्वाचन आयोग के चुनाव कार्यक्रम घोषित करते ही आचार संहिता लग गई. इस बीच शाम करीब 5 बजे रानीगंज विधायक धीरज ओझा मंच के बजाए कार्यक्रम स्थल के पास बैठे थे. चुनाव आचार संहिता के बावजूद उनके समर्थक महिलाओं को साड़ी बांटने लगे. इस दौरान साड़ी वितरण का वीडियो वहां मौजूद पत्रकार बनाने लगे. जिसे लेकर विधायक के समर्थकों की पत्रकारों से कहासुनी और झड़प हो गई.

घटना पर खेद जताते बीजेपी विधायक धीरज ओझा.

पत्रकारों से की गई अभद्रता
जहां पत्रकारों की बाइक की चाबी निकालकर उनसे विधायक के पास चलने के लिए कहा गया. जिसपर पत्रकारों ने इंकार किया तो आरोप है कि विधायक के समर्थकों ने पत्रकारों को घसीटना शुरू किया और उनके साथ बदसलूकी की. साथ ही उनपर हमला बोल दिया और 3 पत्रकारों का मोबाइल छीन लिया. इस बीच एक पत्रकार ने खेत में छिपकर जान बचाई. जबकि 2 वरिष्ठ पत्रकारों को विधायक के समर्थक जबरन घसीटते हुए विधायक के पास ले गए. वहां वीडियो डिलीट करने के बाद ही तीनों पत्रकारों का मोबाइल लौटाया गया और उन्हें वहां से जाना दिया.

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