प्रतापगढ़ःयोगी सरकार का गड्ढामुक्ति अभियान प्रतापगढ़ में दम तोड़ता नजर आ रहा है. मुख्य मार्ग से गांवों को जोड़ने वाली सड़कें बदहाल हो गई हैं. इन पर बरसात के समय में चलना दुश्वार हो जाता है. सड़कों के नाम पर यहां सिर्फ गड्ढे नजर आते हैं. बरसात के मौसम में तो लोगों को मजबूरन इस सड़कों पर पानी और कीचड़ में से होकर गुजरना पड़ता है. वहीं, गर्मी में हवा के कारण धूल उड़ती है.
टूट चुकी है डामर रोड
प्रतापगढ़ के सदर तहसील क्षेत्र के जेल रोड से होकर के खीरी बीर पुल तक जाने वाली सड़क, अचलपुर समेत कई गांवों को जोड़ने वाली डामर रोड पूरी तरह टूट चुकी है. सड़क की जगह यहां सिर्फ मिट्टी ही रह गई है. इस कारण गर्मी में जगह-जगह धूल के गुबार उड़ता दिखाई देता है. मौसम सूखा होने पर धूल उड़ती है. पैदल और मोटरसाइकिल से गुजरने वाले राहगीरों को इस मार्ग पर तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है. चौक घंटाघर से होते हुए अचलपुर रोड से तीन किलोमीटर दूर खीरी वीर पुल को जाने वाले रोड को जोड़ने वाली खीरी बीर पुल तक रोड इस समय क्षेत्र की सबसे खराब सड़कों में शुमार हो चुकी है. सड़कें जर्जर और उसमें बड़े बड़े गड्ढे हो चुके हैं. गड्ढा मुक्ति का फरमान यहां धरातल पर पूरी तरह से बेअसर दिखाई दे रहा है.
ये बोले स्थानीय निवासी
आशुतोष सिंह का कहना है कि जेल रोड वाली सड़क पूरी तरीके से गड्ढे में तब्दील हो गई है. हम लगातार डीएम और एसडीएम को इससे अवगत कराते रहे हैं कि सड़क पर पूरी तरीके से गड्ढे हैं. लगातार हादसे हो रहे हैं लेकिन उसके बाद भी यहां के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे. इससे लगातार हादसे हो रहे हैं. मैं अचलपुर वार्ड से सभासद भी हूं. लगातार अधिकारियों को इसकी सूचना देता भी रहता हूं लेकिन हालात जस के तस हैं.
लक्ष्मी देवी ई-रिक्शा चालक का कहना है कि हम सवारी लेकर के जेल रोड से चौखड़ा तक जाते हैं और कभी-कभी इन गड्ढों की वजह से हादसा भी हो जाता है. इसमें सवारी रिक्शा में सवारी को भी चोट लग जाती है लेकिन मजबूरन सवारी के नाते हमें इस रोड से आना पड़ता है. लगभग 4 साल से यह रास्ता जस का तस बना हुआ है. वहीं ई रिक्शा चालक मनोज कुमार का कहना है कि हम लोग मजबूरन इस रास्ते से आते जाते हैं. काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
ये बोले ईओ
नगर पंचायत ईओ मुदित सिंह का कहना है कि कोविड-19 के प्रकोप और लॉकडाउन के कारण बजट का अभाव है, जिसके कारण गड्ढा मुक्त नहीं कराया जा सका है. आपके द्वारा मामले को संज्ञान में लाया गया है शासन से जैसे ही बजट का प्राप्त होता है वैसे ही गड्ढा मुक्त करा दिया जाए.