पीलीभीत: जिले में गैंगरेप के बाद जिंदा जलाई गई किशोरी की मौत सोमवार को लखनऊ के एक अस्पताल में हो गई थी. मौत के बाद उसका शव पीलीभीत लाया गया था. इसके बाद उसका अंतिम संस्कार भारी पुलिस बल की मौजूदगी में परिजनों ने किया. इस दौरान गांव में मौजूद हर किसी की आंखें नम नजर आईं.
दरअसल, माधोटांडा थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले गांव की 17 वर्षीय दलित किशोरी को 7 सितंबर को जिला अस्पताल लाया गया था. वह बुरी तरह आग से झुलसी हुई थी. 10 सितंबर को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें किशोरी ने गांव के ही रहने वाले राजवीर और ताराचंद नाम के दो युवकों पर घर में घुसकर गैंगरेप करने और जिंदा जलाने का आरोप लगाया था. पूरे मामले में पिता की तहरीर पर पुलिस ने दो आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को जेल भेज दिया था.
11 सितंबर को किशोरी को पीलीभीत के जिला अस्पताल से बेहतर इलाज के लिए लखनऊ रेफर किया गया था, जहां किशोरी का इलाज चल रहा था. सोमवार सुबह करीब 3:30 बजे किशोरी की लखनऊ के अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था. पोस्टमार्टम प्रक्रिया पूरी होने के बाद किशोरी का शव उसके पैतृक गांव पहुंचा. शव पहुंचते ही परिजनों में कोहराम मच गया. इस बीच बसपा नेता भी गांव में जा पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दी.
बसपा नेताओं व परिवार ने रखी 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग
जिला प्रशासन की तरफ से शासन से स्वीकृति के बाद समाज कल्याण विभाग की ओर से पीड़ित परिवार को 412500 रुपये की मदद दी गई थी. परिजन इस धनराशि से संतुष्ट नहीं थे. बसपा नेताओं व परिजनों ने मौके पर मौजूद एसडीएम के सामने 50 लाख मुआवजा पीएम राहत फंड से दिलाए जाने की मांग की. इसके बाद मौके पर मौजूद आला अधिकारियों ने फोन के जरिए उच्च अधिकारियों से परिवार के लोगों की बात कराई. उच्च अधिकारियों ने हर संभव मदद के लिए आश्वासन देकर परिजनों को शांत कराया.
परिवार ने मांगी सुरक्षा