पीलीभीत:जनपद लॉकडाउन के दौरान भी लगातार सुर्खियों में बना हुआ है. पीलीभीत के विकास भवन के उच्च अधिकारियों ने कोरोना वायरस की आड़ में करोड़ों का घोटाला कर दिया. जब इस बात का भांडाफोड़ हुआ तो अधिकारियों ने सारा मामला दो बाबुओं पर डाल दिया. दोनों बाबुओं को सस्पेंड कर दिया गया है. इस मामले की जानकारी जब जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव को मिली तो उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए.
मामला पीलीभीत विकास भवन का है, जहां पर शासन स्तर से जनपद पीलीभीत के घुंघचिआई, मानपुर बीसलपुर, संतोषपुर, बिलगंवा पर अंत्येष्टि स्थल बनाने के लिए 97 लाख 19 हजार 640 रुपये 7 अगस्त 2019 में भेज गए थे. इसके साथ ही 17 लाख पंचायत भवन के निर्माण के लिए भी आए थे. विकास भवन के उच्च अधिकारियों ने शासन की मंशा पर पलीता लगाते हुए किसी भी अंत्येष्टि स्थल का निर्माण नहीं कराया. जब 31 मार्च को 97 लाख 19 हजार 640 रुपये लैप्स हो गए तो अधिकारियों ने मिलीभगत से अपनी लापरवाही को छिपाने के लिए अन्य मदों से 97 लाख 19 हजार 640 रुपये जारी कर दिए.