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भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत बोले- किसानों को ठग लिया गया, मजबूरी में करना पड़ रहा आंदोलन

मुजफ्फरनगर समेत पूरे सूबे के किसान हक के लिए आवाज उठा रहे हैं. किसानों की परेशानियों और रणनीतियों को लेकर ईटीवी भारत ने भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत (Naresh Tikait farmers movement) ने बातचीत की. पेश हैं प्रमुख अंश...

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नरेश टिकैत ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी.

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 22, 2023, 8:51 PM IST

नरेश टिकैत ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी.

मुजफ्फरनगर :किसान आए दिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर मुखर रहते हैं. 23 अक्टूबर को फिर से किसानों ने हक के लिए आवाज बुलंद करने की रणनीति बनाई है. किसानों की तमाम परेशानियों पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. सिसौली आवास पर उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की भूमिका सही नहीं है. नवीन राठी पर मुकदमे दर्ज किए गए. जो किसान बिजली बिल दे रहे हैं, उन पर भी मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं. गन्ने के बकाया मूल्य का भुगतान नहीं हो रहा है. कीमत भी नहीं बढ़ाई जा रही है. मजबूरी में किसान आंदोलन करते हैं.

उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी सरकार :राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि भाजपा सरकार किसानों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी. हमने यह सरकार बनाई थी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है. पहले भी सरकारें थीं, अच्छी तरह मिल जुलकर बैठकर बातचीत होती थी, निष्कर्ष निकलता था. समस्या का समाधान हो जाता था. अब किसान खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं, ऐसा लगता है कि हमारा सब कुछ ठग लिया गया हो. बिजली मीटर से फर्जी बिल आ रहे हैं. अगर यह लोड भी न लें तो तो भी इन पर लोड चलता रहता है. बिजली का कम इस्तेमाल किया जाए, इसके बावजूद मनमाने तरीके के बिजली बिल भेजे जा रहे हैं.

किसानों के मिल रहे फर्जी बिल :राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पहले ट्यूबवेल पर मीटर लगते थे, उसका भी काफी कम खर्च आता था. विरोध हम इसलिए कर रहे हैं कि किसान बिल भी दे रहा है, तीन-तीन महीने का 60-60 हजार का बिल इसके बावजूद भेजा जा रहा है. मंत्री इसके लिए जिम्मेदार हैं. केंद्रीय मंत्री हैं, इस क्षेत्र के सांसद हैं, उन्हें ऊपर तक किसानों की समस्याएं पहुंचानी चाहिए. जनता की भी तो सुननी चाहिए. 2014 में मेरठ में प्रधानमंत्री मोदी आए थे. उन्होंने कहा था कि अगर हमारी सरकार बनेगी और यहां पर गन्ने की फसल अच्छी होती है तो हम 450 रुपए गन्ने का रेट देंगे. ऐसा अब तक नहीं हो पाया. प्रधानमंत्री भी झूठ बोलेंगे, राजा भी झूठ बोलेंगे तो उनकी क्या मजबूरी है.

किसानों की हालत काफी खराब :राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इस बात को साढ़े नौ साल हो चुके हैं. किसानों की इतनी बुरी स्थिति है कि पूछिए मत. गृहस्थी और खेतीबाड़ी का समस्याओं से जूझने वाले किसानों के अपने हक के लिए आवाज तक बुलंद करनी पड़ रही है. प्रदेश सरकार ने भी कहा था कि हम किसान को बिजली फ्री देंगे. अब तक यह नहीं हो पाया. 23 अक्टूबर को आंदोलन के बारे में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि किसान एकजुट होकर अपनी मांग रखेंगे. आगे भी यह लड़ाई जारी रहेगी.

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