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सपा नेता मनोज सिंह को CJM कोर्ट से मिली जमानत, जाने क्या था पूरा मामला

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू समेत तीन लोगों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chandauli Chief Judicial Magistrate) की अदालत ने जमानत पर रिहा कर दिया.

सपा नेता मनोज सिंह को सीजेएम कोर्ट से मिली जमानत
सपा नेता मनोज सिंह को सीजेएम कोर्ट से मिली जमानत

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Published : Oct 28, 2022, 8:49 PM IST

चंदौलीः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पेश हुए. पूर्व विधायक पर बीते विधानसभा चुनाव के दौरान सैयदराजा थाने (Syedaraja Police Station) में मामला दर्ज हुआ था. इस दौरान अधिवक्ता सुनील सिंह व अजय मौर्या ने पूर्व विधायक का पक्ष व तर्क रखा. इसे सुनने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (Chandauli Chief Judicial Magistrate) ने मनोज सिंह डब्लू समेत तीन अन्य आरोपियों को 25-25 हजार रुपये के बंध-पत्र व प्रतिभूति जमा करने पर रिहा करने का आदेश दिया.

बता दें कि बीते विधानसभा चुनाव के दौरान मनोज सिंह डब्लू सैयदराजा नगर में समर्थकों संग प्रचार कर रहा थे. इसी बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई. इस प्रकरण में वार्ड नंबर 11 निवासी रामसहारे शर्मा उर्फ जोगी ने सैयदराजा थाने में तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया. अपनी तहरीर में जोगी ने आरोप लगाया कि सपा प्रत्याशी मनोज सिंह डब्लू बाजार में प्रचार करते हुए अपने लाव-लश्कर के साथ मेरे दरवाजे पर आए. इसके बाद साइकिल पर वोट देने के लिए दबाव बनाने लगे. अपनी स्वेच्छा से वोट देने की बात कहने पर पूर्व विधायके डराने व धमका कर भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे. उनके साथ मौजूद भोनू, आलोक सिंह व जावेद अंसारी आदि घर में घुसकर जान से मारने की धमकी देने लगे. इस मामले में शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू समेत अन्य तीनों आरोपी न्यायालय के समक्ष पेश हुए. अपने अधिवक्ता के जरिए अपना पक्ष व तर्क प्रस्तुत किया. जिसे सुनने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने सभी आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया.

वहीं सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू (SP National Secretary Manoj Singh) ने आरोप लगाया कि यह मुकदमा सरकार के इशारे पर दर्ज कराया गया है. उन्होंने तत्कालीन थाना प्रभारी उदय प्रताप सिंह की भूमिका को संदिग्ध बताया. इसके साथ ही कानून व्यवस्था के प्रति अपनी आस्था जताते हुए न्याय की उम्मीद जताई.

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