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मुरादाबाद: लॉकडाउन के चलते रुके हजारों मजदूर, भट्टा संचालक कर रहे खाने का इंतजाम

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जनपद में स्थित ईंट-भट्ठों पर हजारों की तादाद में मजदूर अभी भी रुके हुए हैं. प्रशासन के आदेश पर ईंट-भट्ठा संचालक इन मजदूरों के राशन का इंतजाम कर रहे हैं. मजदूरों के सामने दिक्कत यह है कि इस सीजन ईंटों की बिक्री न के बराबर हुई है, जिससे भट्ठा संचालक पहले से ही नुकसान में हैं. ऐसे में इन्हें कब तक राशन मिलता रहेगा, यह बड़ा सवाल है.

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मुरादाबाद में ईंट भट्टा संचालक कर रहे मजदूरों के खाने का इंतजाम.

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Published : Apr 10, 2020, 3:15 PM IST

मुरादाबाद: कोरोना संकट के चलते लागू लॉकडाउन से सबसे ज्यादा मुश्किलों का सामना उन मजदूरों को करना पड़ रहा है, जो हर रोज मजदूरी करने के बाद अपने परिवारों का पालन-पोषण करते थे. लॉकडाउन शुरू होते ही लाखों प्रवासी मजदूर अपने घर वापस जाने लगे, जिसकी वजह से अव्यवस्थाएं भी पैदा हुईं. सरकार और प्रशासन की सख्ती के बाद अब मजदूरों को उनके काम करने की जगह पर रोकने के आदेश दिए गए हैं.

देखें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट.

25 हजार मजदूर करते हैं काम
जनपद में कुल 298 ईंट-भट्ठे संचालित किए जाते हैं और इन भट्टों पर लगभग 25 हजार मजदूर काम करते हैं. लॉकडाउन लागू होने से जहां निर्माण कार्य ठप हो गए हैं, वहीं ईंट भट्ठा संचालक मार्च तक हुई बारिश के कारण भारी नुकसान झेल रहे हैं.

लॉकडाउन से पहले बुलाए गए थे मजदूर
लॉकडाउन से पहले कारोबारियों ने बड़ी संख्या में मजदूर बुलाये थे और नुकसान की भरपाई के लिए उत्पादन बढ़ाने की तैयारी की थी.मजदूरों के पहुंचते ही सरकार ने लॉकडाउन घोषित कर दिया, जिसके बाद अब हजारों मजदूर भट्टों पर ही रोक दिए गए हैं. प्रशासन ने भट्टा संचालकों से मजदूरों के खाने-पीने का इंतजाम करने के आदेश दिए हैं.

ईंट-भट्ठा संचालकों के सामने छाया आर्थिक संकट
ईंट-भट्ठा संचालक मजदूरों के लिए भोजन का इंतजाम कर रहे हैं, लेकिन ईंटों की बिक्री न होने के चलते इनके सामने भी आर्थिक संकट बना हुआ है. लॉकडाउन लंबा खींचने की दशा में हजारों मजदूरों के लिए भोजन जुटाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा.

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भट्टों पर कच्ची और पक्की तैयार ईंटों का ढेर लगा हुआ है, लेकिन खरीददार नहीं हैं. ऐसे में भट्टों को चलाये रखने के लिए कच्चे माल की आपूर्ति बाधित होती जा रही है, जिसके बाद भट्टों को बंद करना एकमात्र विकल्प रह जायेगा. कारोबारी अब सरकार से मजदूरों की मदद करने की गुहार लगा रहे हैं, क्योंकि इस सीजन कारोबारी पहले से ही लाखों रुपयों का नुकसान झेल रहे हैं.

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कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए मजदूरों को भट्टों पर रोकना भी आवश्यक है और इससे लॉकडाउन के पालन में भी सहयोग मिल रहा है, लेकिन ईंट कारोबारियों पर इसका दोहरा बोझ पड़ रहा है. एक तरफ बिक्री न होने से नुकसान ओर दूसरी तरफ मजदूरों के खाने की व्यवस्था. ऐसे में लॉकडाउन लंबा होने से हजारों मजदूरों के सामने मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं.

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