मुरादाबाद :कोरोना काल में हजारों लाखों की संख्या में लोग बेरोजगार हुए. लॉकडाउन हुआ तो लाखों की संख्या में मजदूर बेरोजगार और बेसहारा होकर अपने घरों को लौटे. सरकार के सामने बड़ी चुनौती थी कि इन लाखों की संख्या में आए लोगों के सामने खड़ी भुखमरी और रोजगार की समस्या से कैसे निजात दिलवाया जाए. सरकार ने जिला प्रशासन और सेवायोजन विभाग को जिम्मेदारी दी कि विभिन्न क्षेत्रों से आए मजदूरों का जॉब असेसमेंट किया जाए और पता किया जाए कि वह किस काम को करने में सक्षम हैं. सेवायोजन विभाग ने डेटा में मुरादाबाद प्रदेश में पहला स्थान लाने में सफल रहा. वहीं, ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से रोजगार मेलों का आयोजन करके मुरादाबाद में विभिन्न विभागों के समन्वय के आधार पर तकरीबन 8 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया.
बेसहारा होकर लौटे प्रवासियों को सरकार ने दिया सहारा
लॉकडाउन के दौरान मुरादाबाद जिले में तकरीबन 16 हजार मजदूर अन्य प्रदेशों व औद्योगिक शहरों से यहां पर पहुंचे, क्योंकि मुरादाबाद खुद एक बड़े औद्योगिक शहर के रूप में स्थापित है और पूरी दुनिया में पीतल नगरी के नाम से विख्यात है. इसलिए यहां पर प्रवासी मजदूरों की संख्या अन्य जिलों के मुकाबले कम रहे. फिर भी जनवरी माह में उपलब्ध डाटा के अनुसार मुरादाबाद जिले में स्किल्ड प्रवासी श्रमिकों की संख्या 6749 है. जबकि अनस्किल्ड प्रवासी मजदूरों की संख्या 2283 है. अगर कुल संख्या को जोड़ लिया जाए तो तकरीबन 9032 प्रवासी मजदूर अभी भी जिले में हैं. सरकार द्वारा इन मजदूरों का असेसमेंट करवा कर इन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए न केवल इनका प्रशिक्षण करवाया गया. बल्कि इन्हें रोजगार मेलों के माध्यम से इनकी योग्यता के अनुरूप धीरे-धीरे रोजगार भी प्रदान किया जा रहा है.
कहां कितने प्रवासी मजदूरों को मिला रोजगार
सेवायोजन विभाग के डाटा के अनुसार, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग द्वारा कुल 6 सेवामित्र नियोजित किए गए. उद्यान तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा 31 सेवामित्रों को लगाया गया. कृषि विभाग ने 287 प्रवासी श्रमिकों को अपने यहां सेवामित्र के तौर पर रखा. जबकि खादी एवं ग्रामोद्योग विभाग ने 40 प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने का काम किया. ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग ने 91 लोगों को रोजगार प्रदान किया. जबकि नगर विकास तथा नगरीय रोजगार एवं गरीबी उन्मूलन विभाग ने 270 लोगों को रोजगार प्रदान किया. पंचायती राज विभाग द्वारा 615 लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया. जबकि लोक निर्माण विभाग द्वारा 85 सेवामित्रों को नियोजित करने का काम किया गया. वन विभाग में 142, व्यवसायिक शिक्षा विभाग में 58, श्रम विभाग में 361, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग में 98, समाज कल्याण विभाग में 100 व सेवायोजन विभाग में 2 लोगों को नौकरी प्रदान की गई. जबकि ग्रामीण विकास विभाग में सबसे अधिक 5494 लोगों को सेवामित्र के रुप में नियोजित करने का काम किया गया.