मिर्जापुर: ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं भी नारियों के सम्मान में अब नई इबारत लिख रही हैं. मिर्जापुर के नक्सल इलाके की महिलाएं आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं. इन्होंने सैकड़ों महिलाओं को जोड़कर हजारों की कमाई शुरू कर दी है और यह संभव हो पाया है कृषि विभाग और एनआरएलएम के सहयोग से. जो महिलाएं पहले घर और चूल्हे-चौके से बाहर नहीं निकल पाती थीं, आज वह बाहर निकलकर पुरुषों को टक्कर दे रही हैं. रेनू मौर्या उन्हीं महिलाओं में से एक हैं, जो इस समय जिले की आदर्श महिला के रूप में जानी जा रही है. इन्होंने फार्म मशीनरी बैंक से कृषि यंत्र लेकर उसे किराए पर देकर क्षेत्र के लोगों के साथ अपनी भी आय बढ़ा रही हैं.
महिलाओं को स्वावलंबी बनाने में है अहम भूमिका
मिर्जापुर जिले की महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के साथ-साथ उनकी आमदनी बढ़ाने में फार्म मशीनरी बैंक अहम भूमिका निभा रहा है. ग्राम संगठनों को कृषि विभाग की इस योजना से जोड़ा जा रहा है. इसके तहत समूह के महिलाओं को कृषि यंत्र दिलाया जा रहा है, इससे अब महिलाएं अच्छी कमाई कर रही हैं, जिससे उनमें काफी खुशी है. पटेरा ब्लॉक के देवरी कला गांव की राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत जुड़ी रेनू मौर्या ने अपने ग्राम संगठन में 100 से अधिक महिलाओं को जोड़कर कृषि विभाग की मदद से फार्म मशीनरी बैंक योजना के तहत 5 यंत्र छूट के साथ खरीदे हैं. इस यंत्र को अब वह किराए पर देकर हजारों की कमाई कर रही हैं. प्रतिज्ञा आजीविका महिला ग्राम संगठन में फार्म मशीनरी बैंक के तहत रेनू एक ट्रैक्टर और पांच यंत्र खरीदकर इलाके के किसानों को सस्ते दामों पर खेती के लिए दे रही हैं. इन्होंने एक साल में 70 से अधिक किसानों को फायदा पहुंचाया है. इन्होंने एक साल में 72,000 की कमाई की है. जैसे-जैसे किसानों को पता चल रहा है कि कृषि यंत्र किराए पर मिल रहे हैं, वैसे वैसे अब इन्हें आय बढ़ने की भी उम्मीद है.