मेरठ :जुड़वा भाई, और दोनों ही असाध्य बीमारी सेरेब्रल पाल्सी से ग्रसित. लेकिन न तो इन्होंने हार मानी, न ही इनके माता-पिता ने. दोनों ने एक लंबा संघर्ष किया खुद को साबित करने के लिए. आज दोनों ही युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने हैं. हम बात कर रहे हैं मेरठ के जुड़वा भाई आयुष और पीयूष की. आयुष को प्रदेश सरकार पिछले साल सम्मानित कर चुकी है, जबकि पीयूष को इस बार सम्मानित करने वाली है.
समाज में ऐसे तमाम उदाहरण मिल जाएंगे, जिन्होंने दिव्यांगता को बाधा नहीं बनने दिया और अपनी मंजिल हासिल करके ही माने. आयुष और पीयूष ऐसे ही दो भाई हैं. मेरठ के बलवंत नगर के निवासी आयुष और पीयूष सेरेब्रल पॉल्सी नामक असाध्य बीमारी से ग्रसित हैं. लेकिन दोनों में सकारात्मकता कूट-कूटकर भरी हुई है. दोनों भाइयों को एक जैसा काम करना पसंद है. पिछले साल विश्व दिव्यांगता दिवस पर यूपी सरकार ने प्रदेश स्तरीय पुरस्कार देकर आयुष को सम्मानित किया गया था, जबकि इस बार पीयूष को भी सम्मान देने का निर्णय लिया है. तीन दिसंबर को पीयूष को लखनऊ में सम्मानित किया जाएगा.
आयुष बताते हैं कि जीवन में पल-पल बेशक चुनौतियां हैं, लेकिन परिवार के समर्थन से हाल ही में बीएड भी कर लिया है. बताया कि वह वक्त भी देखा है जब स्कूलों में उनके माता-पिता उन्हें लेकर जाते थे तो कोई दाखिला तक नहीं देता था. उनके माता-पिता ने हार नहीं मानी. प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद मेरठ कॉलेज से ग्रेजुएशन और फिर एमए-बीएड किया. और अब अगला लक्ष्य पीएचडी करने का है और इसके साथ साथ जॉब की भी तलाश है.
दोनों भाइयों की सीएम योगी से है ये मांग
आयुष कहना है कि वे अपने माता-पिता और ईश्वर के आशीर्वाद से ही यह सब कर पा रहे हैं. आयुष कहते हैं कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यह निवेदन करना चाहेंगे कि जिस तरह से उन्होंने दिव्यांग नाम दिया है, उसी तरह दिव्यांगों के लिए आरक्षित नौकरी भी निकाली जाए. कहा कि वह सीएम योगी से निवेदन करना चाहते हैं कि दोनों भाइयों की शैक्षिक योग्यता को देखते हुए उन्हें कहीं नौकरी भी दिलवाई जाए, जिससे अपना जीवन यापन कर सकें.
प्रेरणाश्रोत मानती है दोनों भाइयों को यूपी सरकार
आयुष ने बताया कि पिछले वर्ष उन्हें प्रेरणास्रोत की श्रेणी में सम्मानित किया गया था. गर्व की बात है कि उनके भाई पीयूष को भी उसी श्रेणी में सम्मानित किया जाएगा. वह कहते हैं कि हर साल प्रदेश में सिर्फ 24 लोगों को ही यह सम्मान दिया जाता है. इसके तहत पहने उनको और अब उनके भाई को यह सम्मान मिलेगा. आयुष कहते हैं कि वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने उनकी मेहनत को सम्मान देकर एक पहचान देने का काम किया है.
दस हजार से अधिक पौधे लगाए, एक हजार से ज्यादा सेमिनार में कर चुके हैं प्रतिभाग
दोनों भाइयों ने प्रथम स्थान हासिल करके बीएड की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. आयुष-पीयूष अब तक करीब 10 हजार से अधिक पौधे भी लगा चुके हैं. इसके अलावा अलग-अलग शिक्षण संस्थाओं द्वारा आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रमों में उन्हें बतौर मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर भी बुलाया जाता है. आयुष बताते हैं कि मेरठ में शायद ही कोई ऐसा शिक्षण संस्थान हो, जहां उन्होंने जाकर बच्चों का मनोबल न बढ़ाया हो. वह बताते हैं कि अब तक दोनों भाई एक हजार से अधिक सेमिनार में भाग ले चुके हैं.