मेरठ: देश के अंदर दूध का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है. वर्ष 1951 के मुकाबले वर्ष 2019 के आंकड़ों पर नजर डालें तो दूध उत्पादन में 1,005 % की वृद्धि दर्ज की गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह सब अच्छी दुधारू नस्ल का पालन और वैज्ञानिक प्रबंधन से हुआ है.
किसानों का रुझान से बढ़ा दूध उत्पादन. किसानों का रुझान अच्छी दुधारू नस्लों पर
दुग्ध उत्पादन में देश के अंदर हुई वृद्धि से पशुपालन विभाग भी खुश नजर आ रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि देश में किसानों का रुझान अच्छी दुधारू नस्लों के पालन करने से बढ़ा है. यही नहीं किसानों की जागरूकता और पशुपालन में वैज्ञानिक प्रबंधन भी इसमें मददगार साबित हुआ है. कृषि विश्वविद्यालय के डीन के अनुसार वर्ष 1951 के मुकाबले वर्ष 2019 तक उत्पादन में करीब 1,005% की वृद्धि हुई है. इस अवधि में दुधारू पशुओं की संख्या में भी वृद्धि देखने को मिली है.
भैंस की संख्या में वृद्धि
सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विद्यालय के वेटरनरी कॉलेज के डीन डॉ. राजवीर सिंह के मुताबिक वर्ष 1991 में भैंस की संख्या 43.4 मिलियन थी, जो वर्ष 2019 में बढ़कर 109.85 मिलियन हो गई. इस तरह यह करीब 153% की वृद्धि हुई. दुग्ध उत्पादन वर्ष 1951 में 17 मिलियन टन था, जो वर्ष 2019 में बढ़कर 188 मिलियन टन पहुंच गया. इस तरह यह करीब 1,005% की वृद्धि हुई.
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डाॅ. राजवीर सिंह का कहना है कि यह सब अच्छी नस्लों का चयन करने के बाद वैज्ञानिक प्रबंधन से पशुपालन किए जाने से संभव हुआ है. किसानों की पशुपालन की दिशा में जागरूकता सामने आने से इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सका है. वैज्ञानिक प्रबंधन से पशुपालन करने से निश्चित दुग्ध उत्पादन बढ़ता है.