मेरठ: जिले में पति और उसके दोस्तों की हैवानियत की शिकार विवाहिता को पुलिस ने लहूलुहान हालत में हाईवे से उठाकर अस्पताल में भर्ती करा उसकी जान तो बचा ली. लेकिन, केस की जांच कर रहे दारोगा पर मानवीयता को शर्मसार करने के आरोप लगे हैं. सोमवार को पीड़िता के परिजनों ने एसएसपी से पूरे प्रकरण की शिकायत की, जिसके बाद एसएसपी ने विवेचक दारोगा को अपने कार्यालय में तलब कर कड़ी फटकार लगाई.
पति ने दोस्तों संग किया सामूहिक दुष्कर्म. पति ने दोस्तों संग किया सामूहिक दुष्कर्म
- मामला जानी थाना क्षेत्र का है.
- जिले की कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले एक व्यक्ति की पुत्री की शादी उमर नाम के युवक से हुई थी.
- परिजनों ने बताया कि उमर अक्सर उनकी पुत्री को प्रताड़ित करता था, जिसके चलते वह अपने मायके में रह रही थी.
- लगभग डेढ़ महीना पहले उमर उनकी पुत्री को कलियर शरीफ घुमाने के बहाने मायके से ले गया.
जुबान काट कर हाईवे पर फेंका
आरोप है कि इसके बाद जानी के हाईवे पर जंगल में उमर और उसके कुछ साथियों ने युवती के साथ गैंगरेप किया. घटना को अंजाम देने के बाद आरोपियों ने युवती के हाथ-पैर और जुबान काट डाली और उसे मरा हुआ समझकर हाईवे पर फेंक कर चले गए. पुलिस ने मरणासन्न युवती को अस्पताल में भर्ती कराया. युवती की जान तो बच गई मगर वह बोलने से लाचार हो गई.
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दारोगा बोला 'तुझे बचा कर गलती की'
सोमवार को एसएसपी कार्यालय पहुंचे युवती के परिजनों ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में पीड़िता के पति उमर और उसके दोस्त पप्पू को तो जेल भेज दिया, लेकिन अन्य तीन आरोपियों को सेटिंग करके गिरफ्तार नहीं कर रही है. इतना ही नहीं अब तक युवती के बयान भी नहीं कराए गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि वह पीड़िता के बयान दर्ज कराने के लिए कहते हैं तो केस की जांच कर रहा दारोगा कहता है कि उसने युवती को बचाकर गलती की. पीड़ितों के आरोप सुनकर एसएसपी ने आरोपी दारोगा को अपने कार्यालय में तलब करके कड़ी फटकार लगाई. जिसके बाद दारोगा ने युवती द्वारा लिखित में दिए गए बयानों को मान्य बताते हुए जल्द ही अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी का दावा किया है.