मेरठ : भारत के पहले आरआरटीएस कॉरिडोर का पहला ट्रेनसेट बनकर तैयार हो गया है. 7 मई को भारत सरकार के आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव की उपस्थिति में आयोजित होने वाले एक समारोह में एनसीआरटीसी को सौंप दिया जाएगा. पूर्णत: मेक इन इंडिया पहल के तहत यह अत्याधुनिक आरआरटीएस ट्रेन गुजरात के सावली स्थित एल्सटॉम के कारखाने में निर्मित की जा रही है. देश की पहली हाईस्पीड ट्रेन के संचालन को लेकर तैयारियां युद्धस्तर पर जारी हैं. रेपिड रेल के लिए पहला कोच भी अब बनकर तैयार हो चुका है. खास बात ये है कि ये कोच पूरी तरह से भारत में ही निर्मित है.
गौरतलब है कि एल्स्टॉम द्वारा ट्रेनों को एनसीआरटीसी को सौंपने के बाद इस कोच को बड़े ट्रेलरों के द्वारा दुहाई डिपो में लाया जाएगा. गाजियाबाद में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर को परिचालन के लिए तीव्र गति से विकसित किया जा रहा है. इस डिपो में इन ट्रेनों के संचालन और रखरखाव की सभी सुविधाओं का निर्माण पूरा होने वाला है. यह हैंड ओवर समारोह शनिवार को एल्स्टॉम (पहले बॉम्बार्डियर) के निर्माण संयंत्र में आयोजित किया जा रहा है जहां आरआरटीएस ट्रेनसेट की चाबियां एनसीआरटीसी को सौंप दी जाएंगी.
RRTS के जिम्मेदार मानते हैं कि इन अत्याधुनिक आरआरटीएस ट्रेनों में एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई 2x2 ट्रांसवर्स कुशन सीटिंग, खड़े होने के लिए चौड़े स्थान, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरे, लैपटॉप /मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, ऑटो कंट्रोल एंबिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम (HVAC) और अन्य सुविधाएं होंगी. वातानुकूलित आरआरटीएस ट्रेनों में स्टैंडर्ड के साथ-साथ महिला यात्रियों के लिए आरक्षित एक कोच और प्रीमियम वर्ग (प्रति ट्रेन एक कोच) का कोच होगा.