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मेरठ: लॉक डाउन में बच्चे ​सीख रहे अनोखे आविष्कार, पौधों की पत्तियों से निकाला शुद्ध पानी

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Published : Mar 27, 2020, 7:34 AM IST

यूपी के मेरठ में लॉक डाउन के दौरान बच्चे अनोखे आविष्कार ​सीख रहे हैं. जागृति विहार कालोनी के बच्चों ने विज्ञान के टीचर दीपक शर्मा के मार्ग दर्शन में पौधों की पत्तियों से शुद्ध पानी निकालना सीखा. यह पानी आरओ के पानी से भी शुद्ध होता है.

पौधों की पत्तियों से शुद्ध पानी लेने का तरीका सीखते बच्चे.
पौधों की पत्तियों से शुद्ध पानी लेने का तरीका सीखते बच्चे.

मेरठ: देशभर में लॉक डाउन के चलते आजकल सब घरों में ही कैद हैं. बच्चे अपने-अपने तरीके से इस समय को काट रहे हैं. कोई अपनी पढ़ाई में जुटा है तो कोई गेम खेलकर टाइम पास कर रहा है. लेकिन कुछ बच्चे ऐसे हैं जो घर पर रहकर ही अनोखे लॉक डाउन में बच्चे ​सीख रहे अनोखे आविष्कार करने में जुटे हैं. ऐसे ही कुछ बच्चों ने पौधों की पत्तियों से शुद्ध पानी लेने का तरीका सीखा.

पौधों की पत्तियों से शुद्ध पानी लेने का तरीका सीखते बच्चे.

शहर के जागृति विहार कालोनी में रहने वाले अर्पित और अनुप्रिया ने विज्ञान के टीचर दीपक शर्मा के मार्ग दर्शन में पौधों की पत्तियों से शुद्ध पानी लेने के तरीके को जाना. दीपक शर्मा को अनोखे आविष्कारों को बच्चों के बीच लोकप्रिय बनाने के चलते ही राष्ट्रपति के हाथों राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला है और अब लॉक लाउन के दौरान वह बच्चों को यही अनोखे और रोचक आविष्कार सीखा रहे हैं.

पौधों की पत्तियों से शुद्ध पानी लेने का तरीका सीखते बच्चे.

पौधों की पत्तियों से शुद्ध पानी निकालने का सिखाया तरीका
दीपक शर्मा ने बताया कि कई दिनों से बच्चे पेड़ पौधों को निहार रहे हैं. कोई पत्तियों की गतिशीलता को देख रहा है तो कोई पेड़ के नीचे के तापमान को माप रहा है. पौधों की पत्तियों से शुद्ध पानी कैसे लिया जाता है यह तरीका जानने के लिए दीपक शर्मा ने गमलों के पौधों का चयन किया. सुबह लगभग 9 बजे उनकी पत्तियों को अलग अलग पॉलीथीन में करके उनके मुंह को बांध दिया. दोपहर बाद जब देखा गया तो पौधों की पत्तियों पर औंस की बूंदों की तरह पानी साफ दिखाई दे रहा था. जिसे बाद में एक बिकर में एकत्र किया गया. बताया गया कि यह पानी पीने में भी टेस्टी था.

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आरओ के पानी से भी होता है अधिक शुद्ध
दीपक शर्मा के मुताबिक इस संबंध में वनस्पति विज्ञान के विशेषज्ञ डॉ एके शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह पानी आरओ के पानी से भी अधिक शुद्ध होता है. वाष्पत्सोर्जन की प्रक्रिया को समझने का भी यह एक मजेदार प्रयोग है. इससे युवाओं को प्रकृति के करीब जाने और उसका दोस्त बनने का अवसर मिलता है. डॉ. एके शुक्ला ने यह भी बताया कि पत्तियों से पानी जरूर निकलता है, जो काफी कम मात्रा में होता है. लेकिन इसे पत्तियों के साथ सीधे नहीं चबाना चाहिए. ऐसा करने से पानी के साथ साथ पत्ती के विषैले पदार्थ भी आ जाएंगे.

इस दौरान कुछ बच्चों ने पेड़ के नीचे का तापमान मापा. जिसमें खुले और पेड़ के नीचे के तापमान में 3 से 5 डिग्री का अंतर आया. दीपक शर्मा ने बताया कि गुरूवार के इस तरह के प्रयोग जागृति विहार के अलावा माधवपुरम, विजयनगर और जेलचुंगी के पास की आवासीय कालोनियों में किया गया.

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