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मऊ: कोरोना मरीजों को आयुष्मान योजना के तहत उचित दर पर उपचार की घोषणा

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Published : Jun 4, 2020, 11:08 AM IST

मऊ में सरकार की तरफ से आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को कोरोना वायरस इलाज हेतु उचित दर की घोषणा कर दी गई है. जिसमें जिले के जिन चिकित्सालयों में कोरोना के मरीज भर्ती हैं, उनमें से आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का उपचार तय दर पर ही किया जाएगा.

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कोरोना मरीजों को आयुष्मान योजना के तहत उपचार की घोषणा

मऊ:कोरोना महामारी से बचाव के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी दिशा में सरकार ने ऐसे कोरोना मरीज, जो कि आयुष्मान योजना के लाभार्थी हैं, उनको उचित दर पर उपचार की घोषणा कर दी है. यह जानकारी जिले के आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के सीएमओ डॉ एससी सिंह ने दी है.

कोरोना मरीजों को आयुष्मान योजना के तहत उपचार की घोषणा

आयुष्मान योजना के तहत तय किए गए उचित दर
एसीएमओ नोडल अधिकारी डॉ. पीके राय ने बताया कि जिले में लौट रहे प्रवासी जो आयुष्मान भारत योजना के कार्ड धारक हैं, उनके लिए शासन स्तर से उपचार हेतु उचित दरों का निर्धारण कर दिया गया है. जनरल वार्ड आइसोलेशन में भर्ती संक्रमित व्यक्तियों पर प्रति शैया प्रति दिन 1800 रुपये, हाईडिपेन्सी यूनिट आइसोलेशन में भर्ती संक्रमित व्यक्तियों पर प्रतिदिन 2700 रुपये, आईसीयू, वेन्टीलेटर रहित में भर्ती संक्रमित व्यक्तियों पर प्रतिदिन 3600 रुपये एवं आईसीयू वेन्टीलेटर सहित में भर्ती संक्रमित व्यक्तियों पर प्रतिदिन 4500 रुपये उपचार पर खर्च करने का प्रावधान किया गया है.

लाभार्थियों को मिलेगा लाभ
इस संबंध में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की मुख्य कार्यपालक अधिकारी संगीता सिंह ने प्रदेश के सभी सीएमओ को पत्र लिखा है कि तय दर से प्रतिदिन के हिसाब से सम्बन्धित केन्द्र पर ही भुगतान किया जाएगा. पत्र में निर्देशित किया गया है कि कोविड-19 से संक्रमित आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के लाभार्थियों के उपचार पर हुए व्यय की प्रर्तिपूति के सम्बन्ध में दरें निर्धारित की जा चुकी हैं. जिले में जिन चिकित्सालयों में कोरोना के मरीज भर्ती हैं उनमें आयुष्मान योजना के लाभार्थियों का उपचार तय दर पर ही किया जाएगा.

जिले के कुछ चिकित्सालयों को कोविड-19 समर्पित चिकित्सालय घोषित किया गया है. इसके साथ ही आयुष्मान योजना के अन्तर्गत उन्हीं का उपचार किया जा सकता है जो गोल्डन कार्डधारक हैं. यदि योजना के अन्तर्गत चिन्हित लाभार्थी का गोल्डन कार्ड नहीं बना है तो आरोग्य मित्र के माध्यम से सम्बन्धित महिला/पुरुष का गोल्डन कार्ड बनवाकर उपचार कराना सुनिश्चित किया जाए. कोविड-19 संक्रमण के चलते वर्तमान में योजना के अंतर्गत उपचार प्रदान करने हेतु टीएमएस में बायो-मैट्रिक की अनिवार्यता समाप्त कर दी गई है. आयुष्मान के डिस्ट्रिक प्रोग्राम कॉर्डिनेटर डॉ. पीएन. दुबे ने बताया कि जिले में अब तक सरकारी समेत 17 प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान योजना से संबद्ध हो चुके हैं. जिले में 1685 लोगों को आयुष्मान का लाभ मिल चुका है.

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