मथुरा:वृंदावन में यमुना नदी के किनारे वसंत पंचमी से कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक का शुभारंभ हो गया. साधु-संतों ने विधि-विधान के अनुसार पूजन किया. अनी अखाड़े के श्री महंत महाराज ने पताका का विधि-विधान से पूजन किया. उन्होंने कहा कि कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक 16 फरवरी से प्रारंभ हो गई है. लाखों साधु-संत यमुना नदी में स्नान करने पहुंच रहे हैं. यमुना नदी में स्नान करने के बाद हरिद्वार कुंभ के संबंध में वैष्णव साधु-संत विस्तृत चर्चा करेंगे.
वृंदावन में यमुना नदी के तट पर कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक शुरू. साधु-संतों ने किया पताका पूजनअनी अखाड़े के निर्माणी दिगंबर और निर्मोही अखाड़े के श्री महंत ने विधि-विधान से यमुना नदी के किनारे कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक प्रारंभ की. इसके बाद कुंभ क्षेत्र में अपने नगर में स्थापित की गई पताका का पूजन किया. इस दौरान हजारों की संख्या में साधु-संत यहां पहुंचे थे.
वृंदावन में कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक आरंभ. 25 मार्च तक चलेगी वैष्णव बैठक
हरिद्वार कुंभ से पूर्व वैष्णव बैठक यमुना नदी के किनारे 25 मार्च तक आयोजित की जाएगी. इसमें देश के कोने-कोने से वैष्णव समाज के साधु-संत पहुंचेंगे. उसके बाद सभी साधु-संत हरिद्वार कुंभ के लिए प्रस्थान करेंगे.
कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक में साधु-संतों ने किया पताका का पूजन. यमुना नदी के किनारे साधु-संत जुटेवसंत पंचमी के दिन यानी 16 फरवरी से कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक प्रारंभ हो गई. निर्मोही दिगंबर और निर्वाणी अखाड़े के हजारों साधु-संत मेला क्षेत्र में पहुंच गए. यमुना नदी के किनारे पहला शाही स्नान 27 फरवरी को होगा. 9 मार्च को दूसरा शाही स्नान. 13 मार्च को तीसरा शाही स्नान. 25 मार्च को रंगभरी एकादशी के दिन पंचकोसी परिक्रमा के साथ कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक पूर्ण हो जाएगी.
अनादिकाल से चली आ रही है बैठक
परमेश्वर दास त्यागी मोर मुकुट आश्रम श्री धाम महामंडलेश्वर ने बताया कि निर्वाणी दिगंबर और निर्मोही अखाड़े ने आज पताका पूजन किया. संत महामंडलेश्वर यमुना नदी के किनारे आ चुके हैं. सभी साधु-संत एकजुट होकर यमुना नदी के किनारे कुंभ पूर्व वैष्णव बैठक में शामिल हो रहे हैं. बैठक अनादि काल से चली आ रही है.
केवल वैष्णव संत ही आते हैं इसमें
इस बैठक में भगवान राम, श्री कृष्ण, नारायण के बारे में चर्चा की जाएगी. बुजुर्ग संतों से सीखने को मिलेगा. इस कुंभ का नाम बैठक रखा गया है. यहां केवल वैष्णवी संत ही पधारते हैं. 16 फरवरी से 25 मार्च तक यह आयोजन चलेगा. उसके बाद सभी साधु-संत हरिद्वार कुंभ के लिए प्रस्थान करेंगे.