मथुरा . प्रदेश और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का लाभ जमीन तक पहुंच रहा है या नहीं. उस का जायजा लेने के लिए गुरुवार को जनपद के जिलाधिकारी पुलकित खरे (District Magistrate Pulkit Khare) औरंगाबाद इलाके के आंगनबाड़ी स्कूलों में पहुंचे जहां जिला अधिकारी बने अध्यापक और बच्चों को शिक्षा ग्रहण कराई बच्चों से पूछे सवाल, पहाड़े जवाब सही मिलने पर बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए जिलाधिकारी ने तालियां भी बजाईं.
गुरुवार को लाव लश्कर के साथ जिलाधिकारी औरंगाबाद, अल्हेपुर, भैंसा, इलाके के आंगनवाड़ी केंद्रों मे बने विद्यालय पहुंचे जहां स्कूलों में बच्चों की संख्या को देखकर प्रसन्न हुए तो वही स्कूल में जिलाधिकारी बने अध्यापक मासूम बच्चों को गणित सिखाई. कुछ बच्चों से जिलाधिकारी ने पहाड़े सुने तो किसी से छोटा अ, आ इ, क से कबूतर खा से खरगोश सुने सही जवाब मिलने पर जिलाधिकारी ने मासूम बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए सभी अधिकारियों के साथ तालियां बजाते हुए प्रसन्न हुए.
जिलाधिकारी (District Magistrate) ने कहा कि आज के इस दौर में गरीबों को निजी स्कूलों में शिक्षा महंगाई के कारण नहीं मिल पा रही. उन गरीब बच्चों को सरकारी स्कूलों में शिक्षा इतनी बेहतर होनी चाहिए. प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाला बच्चा भी अपने माता-पिता से सरकारी स्कूलों में एडमिशन कराने की बात कहे .वही अध्यापक पूरी लगन के साथ इन बच्चों को शिक्षा बेहतर ग्रहण कराएं और किसी तरह की कोई कोताही न बरती जाए.
जिलाधिकारी पुलकित खरे ((District Magistrate Pulkit Khare)) ने बताया कि गुरुवार को आंगनबाड़ी केंद्र के आधा दर्जन स्कूलों में जाकर व्यवस्थाएं देखीं. बच्चों भोजन, पानी, स्वास्थ्य सेवाएं और अध्यापक द्वारा दी जा रही शिक्षा का जायजा लिया. कुछ स्कूलों में शिकायत मिलने के बाद चेतावनी दी गई है. इसके अलावा डीएम ने सरकारी स्कूलों में बच्चों की बढ़ी संख्या को देखकर कुछ अध्यापकों की पीठ भी थपथपाई.
यह भी पढ़ें : राकेश टिकैत ने कहा, आंदोलन ही किसानों की ताकत यह सरकार भला नहीं कर सकती