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मथुरा: AAP कार्यकर्ताओं ने छाती पीटकर किया कृषि विधेयक का विरोध

यूपी के मथुरा में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कृषि विधेयक के खिलाफ विरोध किया. कार्यकर्ताओं ने छाती पीटते हुए प्रदर्शन किया. साथ ही राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन डीएम को सौंपा.

आप ने किया प्रदर्शन.
आप ने किया प्रदर्शन.

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Published : Sep 21, 2020, 8:26 PM IST

मथुरा:जिले में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने राज्यसभा में पास हुए कृषि विधेयक के विरोध में प्रदर्शन किया. साथ ही राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी मथुरा को सौंपा. आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष अजय गौतम ने कहा कि इस किसान विरोधी बिल के खिलाफ हमारी पार्टी सदन से लेकर सड़कों तक पुरजोर विरोध करेगी.

उन्होंने कहा कि जब कोरोना काल में पूरा देश इस कोरोना महामारी से त्रस्त है. ऐसे समय में केंद्र सरकार अपनी निष्ठुर प्रवृत्ति दिखाते हुए किसानों को पूंजीपतियों का गुलाम बनाने के लिए किसान विरोधी बिल लेकर आई है. आम आदमी पार्टी पूरे देश में इसका विरोध करेगी.

बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, किसान बिल आदि को लेकर विभिन्न राजनीतिक संगठन अपने-अपने तरीके से विरोध कर रहे हैं. इसी क्रम में आम आदमी पार्टी ने भी छाती पीटकर सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. इस दौरान आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और नेताओं का कहना था कि सरकार लगातार आम आदमी, गरीब, असहाय, मजदूर वर्ग और किसान के खिलाफ कार्य कर रही है. एक तरफ तो पूरा देश कोरोना महामारी से त्रस्त है, वहीं दूसरी ओर सरकार की जनविरोधी नीतियों से लोग त्राहि-त्राहि हैं. जिस समय सरकार को आम आदमी के बारे में सोचकर उनके हितों में कार्य करने चाहिए थे, उसके उलट सरकार उनके अहित में कार्य कर रही है.

कार्यकर्ताओं ने कहा कि सरकार की जनविरोधी नीतियों का आम आदमी पार्टी सड़कों पर उतरकर लगातार विरोध करती रहेगी. जब तक सरकार किसान विरोधी बिल को वापस नहीं ले लेती, तब तक लगातार आम आदमी पार्टी के द्वारा विरोध किया जाता रहेगा. सोमवार को आम आदमी पार्टी के पूरे जिले के कार्यकर्ता भारी संख्या में कलेक्ट्रेट के मेन गेट पर इकट्ठा हुए. साथ ही जोरदार नारेबाजी करते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गए. जहां पर सभी ने एक स्वर में किसानों का समर्थन करते हुए सरकार को चेतावनी दी कि यह किसान विरोधी बिल किसी भी हालत में लागू नहीं होने दिया जाएगा. यदि सरकार अपनी हठधर्मिता पर रही तो पूरे देश का किसान इस बिल के विरोध में आंदोलन करेगा और इसकी पूरी जिम्मेदार सरकार होगी.

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