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मैनपुरी के इस गांव में 20 साल से नहीं मनाई गई होली

देश भर में होली का त्योहार मनाया जा रहा है, लेकिन उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के गांव देवगंज में होली के रंग दिखाई ही नहीं दे रहे. यह हाल आज का नहीं है बल्कि पिछले 20 साल से देवगंज होली नहीं मनाता. 20 साल पहले हुए विवाद के बाद गांव के लोगों ने होली न मनाने का फैसला किया था.

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मैनपुरी के गांव देवगंज में लोग नहीं मनाते है होली.

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Published : Mar 10, 2020, 10:14 AM IST

मैनपुरी:जहां पूरे देश में लोग होली का त्योहार मना रहे हैं. वहीं उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में एक ऐसा गांव है, जिसने पिछले 20 साल से होली नहीं मनाई. इस गांव में एक ही जाति के लोग रहते हैं. 20 साल पहले होली के दिन जमीनी विवाद होने के बाद यहां के लोगों ने होली खेलना ही बंद कर दिया.

अमन चैन को बनाए रखने के लिए गांव के लोग नहीं मनाते हैं होली
20 साल पहले हुए विवाद के बाद गांव देवगंज के लोगों ने होली न मनाने का फैसला किया. यहां के लोगों का ये फैसला इस बार भी रहेगा. देवगंज के लोग गांव के अमन चैन को बनाए रखने के लिए इस साल भी होली नहीं मनाएंगे. वर्चस्व की लड़ाई को लेकर होली के दिन इस गांव के दो पक्षों में विवाद हुआ था .इसके बाद ग्रामीणों ने मिलकर होली न मनाने का फैसला किया.

मैनपुरी के गांव देवगंज में लोग नहीं मनाते है होली.

जमीनी विवाद ने यहां होली के त्योहार पर लगा दी बंदिश
किशनी तहसील क्षेत्र के ग्राम देवगंज के लोग आज भी होली नहीं मनाते हैं. ऐसा पिछले 20 साल से हो रहा है. 20 साल पहले होली के मौके पर हुए घमासान ने यहां होली के त्योहार पर बंदिश लगा दी. ग्रामीणों के बीच जमीन के विवाद को लेकर पहले से झगड़ा था. इस झगड़े को लेकर होली के दिन फिर विवाद हुआ. इस घटना से सहमे ग्रामीणों ने अप्रिय हालातों से बचने के लिए होली न मनाने का फैसला किया. 700 से अधिक आबादी वाले इस गांव में इस साल भी होली नहीं मनाएंगे और न ही होलिका दहन करेंगे.

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ग्रामीणों ने बताया कि 20 साल से अधिक समय बीत गया है. गांव में होली रखने की कोई भी जगह चिन्हित नहीं थी. इस कारण जहां होली रखी जाती थी उसके सामने दूसरी पार्टी का व्यक्ति का घर बना हुआ था. जब लोग होली के दिन इकट्ठा होकर जाते थे तो वह लोग गाली-गलौज करने लगते थे. वहीं जमीनी विवाद भी चल रहा था, जिस कारण विवाद हो गया उसी समय से होली खेलना गांव वालों ने बंद कर दिया. इस गांव में 20 साल से अधिक समय बीतने के बाद भी कोई भी होली नहीं खेलता है न ही कभी प्रयास किया गया है. कारण सिर्फ यह है कि आपस में विवाद न हो जाए इस कारण होली नहीं खेली जाती है. अधिकतर गांव के लोग किसान हैं. मजदूरी करके जीवन-यापन करते हैं.

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