लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को प्रदेश के ग्राम रोजगार सेवकों का बकाया मानदेय डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खातों में हस्तांतरित करवाया. इसमें 63 जिलों के 26 हजार 12 ग्राम रोजगार सेवकों को मानदेय की 225.39 करोड़ लंबित धनराशि का भुगतान किया गया. मुख्यमंत्री ने इस दौरान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये रोजगार सेवकों से संवाद भी किया. सीएम योगी ने रोजगार सेवकों को बधाई दी और पूरी निष्ठा के साथ प्रदेश की सेवा करने की अपील भी की.
सीएम योगी ने कहा कि वास्तव में रोजगार सृजन के बहुत बड़े माध्यम हमारे बीच में मौजूद हैं. उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में रोजगार की इन संभावनाओं की सबसे अधिक आवश्यकता है. अगर हमने रोजगार सृजन नहीं किए तो बड़ी आबादी के सामने भुखमरी का संकट आ सकता है. महामारी के समय में लगभग 20 से 25 लाख प्रवासी कामगार, श्रमिक वापस अपनी भूमि पर आ रहे हैं. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) सेक्टर में लाखों लोगों को रोजगार दिया जा सकता है. मौजूदा समय में करीब 20 लाख लोगों को हर दिन रोजगार दिया जा रहा है.
प्रदेश को मिलेगी नई गति
उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत हर दिन कम से कम 50 लाख लोगों को रोजगार देने की व्यवस्था की जाएगी तो स्वाभाविक रूप से प्रदेश को नई गति मिलेगी. मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार करने के निर्देश दिए हैं. इस अवसर पर सीएम योगी ने प्रदेश की 59 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर को सक्रिय करने के लिए कहा.
ग्राम रोजगार सेवकों की है महत्वपूर्ण भूमिका