उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

यूपी सरकार ने मनरेगा का बजट किया दोगुना, लाखों को मिलेगा रोजगार

By

Published : Feb 10, 2021, 8:00 AM IST

Updated : Feb 10, 2021, 10:22 AM IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने मनरेगा के बजट को दोगुना करने का फैसला लिया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांवों में ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए ये बड़ी पहल की है. योगी आदित्यनाथ ने मनरेगा के बजट को बढ़ाकर 15 हजार करोड़ करने के निर्देश दिए हैं.

यूपी सरकार ने मनरेगा का बजट किया दोगुना
यूपी सरकार ने मनरेगा का बजट किया दोगुना

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का राज्य के अधिकतर लोगों को रोजगार देने पर जोर रहा है. यूपी सरकार ने 2018-19 में मनरेगा के लिए करीब छह हजार करोड़ रुपये का बजट रखा था. सरकार ने 2020-21 में इस बजट को बढ़ाकर करीब 15 हजार करोड़ कर दिया है. इसके साथ ही देश के इतिहास में उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य बन गया, जिसने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के सालाना बजट को इतना बढ़ाया है. सरकार का यह कदम इस बात की तस्दीक करता है कि सरकार ने पूर्व निर्धारित बजट को खर्च ही नहीं किया, बल्कि इसके लिए अतिरिक्त बजट का भी प्रावधान किया.

यूपी सरकार ने मनरेगा का बजट किया दोगुना

यूपी सरकार ने वर्ष 2020-21 के लिए मनरेगा के तहत 26 करोड़ मानव दिवस कार्य सृजित करने का लक्ष्य रखा था. कोराना काल में श्रमिकों की संख्या बढ़ी तो इसकी समीक्षा करते हुए इसे 35 करोड़ श्रमिक दिवस किया गया. इसके बाद एक बार फिर इसे बढ़ाकर अब इसे 45 करोड़ मानव दिवस करने का लक्ष्य रखा गया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए करीब 15 हजार करोड़ रुपये चाहिए होगा. लिहाजा राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर मनरेगा के बजट बढ़वाया है.

पिछले साल 85 लाख परिवारों को रोजगार देकर यूपी ने बनाया रिकॉर्ड
अपर आयुक्त मनरेगा योगेश कुमार ने बताया कि यूपी में पिछले साल सबसे ज्यादा मनरेगा में 85 लाख परिवारों के एक करोड़ चार लाख 70 हजार से ज्यादा श्रमिकों को काम दिया गया था. यह प्रदेश के इतिहास में रिकॉर्ड है. वर्ष 2019-2020 में 53.15 लाख परिवारों को काम मिला था. इसमें राज्य के 74 जिलों में मनरेगा के तहत काम पाने वाले 32 लाख परिवार पिछले साल बढ़े हैं. यह इजाफा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नीति के चलते हुआ है.

भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि पूर्ववर्ती अखिलेश सरकार के आखिरी साल में मनरेगा का बजट 4350 करोड़ रुपये था. वहीं वर्तमान सरकार के मौजूदा सत्र का मनरेगा का बजट करीब 15 हजार करोड़ किया गया है. यह उससे तीन गुना से भी अधिक है. हमारी सरकार में मनरेगा के तहत जहां एक तरफ रोजगार मुहैया कराया गया. वहीं कामों को भी बढ़ाया गया है. ताकि प्रदेश का विकास होने के साथ रोजगार का सृजन भी हो. निश्चित रूप से यदि केवल इसी बजट को ध्यान में रखें तो इससे स्पष्ट होता है कि योगी आदित्यनाथ सरकार के समय में रोजगार के सृजन के साथ-साथ कामों की व्यवस्था की गई है. इसी के नाते कोरोना काल में प्रवासी श्रमिकों को उनके घर में ही रोजगार मुहैया कराया जा सका है.

यूपी सरकार ने इस साल मनरेगा पर खर्च किया काफी पैसा
राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी कहते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार ने मनरेगा के तहत इस साल काफी पैसा खर्च किया है. कोरोना काल मे लाखों की संख्या में मजदूर बाहर से आए. उन्हें मनरेगा के तहत प्रदेश सरकार ने रोजगार मुहैया कराया. गांव में स्कूल, तालाब, सड़क, नाली, खड़ंजा, पीएम आवास का निर्माण मनरेगा के तहत कराया गया. निर्धारित बजट को दोगुना किया गया. इससे स्पष्ट है कि काम हुआ और पैसा खर्च भी हुआ. मनरेगा का कार्य दिखाई भी दे रहा है.

पिछले सालों में यह रहा बजट

  • वर्ष 2016-17 में 15 करोड़ मानव दिवस के लिए 4350 करोड़ रुपये लेबर बजट. (कुल बजट -4589.25)
  • वर्ष 2017-18 में 18 करोड़ मानव दिवस के लिए कुल 5250 करोड़ रुपये लेबर बजट. (कुल बजट -5538.75)
  • वर्ष 2018-19 में 20 करोड़ मानव दिवस के लिए कुल 5833.33 करोड़ रुपये लेबर बजट. (कुल बजट -6154.17)
  • वर्ष 2019-20 में 25 करोड़ मानव दिवस के लिए कुल 7583.33 करोड़ रुपये लेबर बजट रहा. ( कुल बजट -8000.42)
  • वर्ष 2020-21 में 35 करोड़ मानव दिवस के लिए अबतक कुल 11725 करोड़ रुपये लेबर बजट है. कुल बजट 12369.88 करोड़ पहुंचा, लेकिन सरकार ने इसे बढ़ा कर 15 हजार 904.14 करोड़ रुपये कर दिया हैं.
Last Updated : Feb 10, 2021, 10:22 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details