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लखनऊ: 100 बस स्टेशनों पर इस माह के आखिर तक लगेंगे वाटर एटीएम

उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने आगामी 16 मार्च से सभी एसी बसों में प्लास्टिक की बोतलबंद पानी की सप्लाई बंद करने का फैसला लिया है. ऐसे में आने वाली गर्मी में यात्रियों को पीने के पानी का संकट न झेलना पड़े इसका विकल्प भी परिवहन निगम ने तैयार कर लिया है.

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100 बस स्टेशनों पर लगेंगे वाटर एटीएम.

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Published : Mar 6, 2020, 5:54 PM IST

लखनऊ: प्रदेश के 100 बस स्टेशनों पर रोडवेज वाटर एटीएम लगाएगा और यही वाटर एटीएम गर्मी में यात्रियों की प्यास बुझाने का काम करेंगे. खास बात यह है कि जहां एक लीटर की पानी की बोतल के लिए यात्रियों को 20 रुपये तक खर्च करने पड़ते थे, वहीं वाटर एटीएम पर दो रुपये में ही शीतल जल से अपना गला तर कर सकेंगे. मार्च के आखिर तक 100 बस स्टेशनों को वाटर एटीएम से लैस किए जाने की तैयारी है.

100 बस स्टेशनों पर लगेंगे वाटर एटीएम.
बस स्टेशनों पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने पहले से ही प्लास्टिक की बोतल बंद पानी पर प्रतिबंध लगा रखा है. अब आगामी 16 मार्च से वातानुकूलित बसों में मिलने वाले प्लास्टिक बोतल के पानी पर भी रोक लगा दी है. ऐसे में यात्रियों की प्यास बुझाने के लिए परिवहन निगम ने प्रदेश के 100 ऐसे बस स्टेशन जहां पर यात्रियों की संख्या काफी होती है. वहां पर वाटर एटीएम इंस्टॉल करने का प्लान बनाया है.

19 बस स्टेशनों पर वाटर एटीएम कर रहे काम
अभी तक प्रदेश के 19 बस स्टेशनों पर वाटर एटीएम काम कर रहे हैं, जिनमें लखनऊ का चारबाग बस स्टेशन और कैसरबाग बस स्टेशन भी शामिल है. नए बन रहे अवध बस स्टेशन पर भी वाटर एटीएम की व्यवस्था दी गई है. 31 मार्च तक 100 बस स्टेशन पर वाटर एटीएम नजर आएंगे. यात्रियों को वाटर एटीएम से पानी लेने के लिए अपने घर से बोतल लानी होगी और यहां पर दो रुपये में ठंडा और एक रुपये में शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा.

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एक घंटे में ढाई सौ लीटर पानी निकालने की क्षमता
चारबाग बस स्टेशन पर लगे वाटर एटीएम से रोजाना ही सैकड़ों लोग पीने का पानी लेते हैं. इस वाटर एटीएम की एक घंटे की ढाई सौ लीटर पानी निकालने की क्षमता है. वाटर एटीएम के पानी की शुद्धता की गारंटी भी है. समय-समय पर बाहरी पानी और वाटर एटीएम के पानी की लेबोरेटरी में जांच भी कराई जाती है.

समय-समय पर सैंपल की जांच
वाटर एटीएम का पानी पूरी तरह से शुद्ध होता है. हर घंटे में ढाई सौ लीटर इस वाटर एटीएम की क्षमता है. इसी में फिल्टरिंग होती है, कूल होता है और लोगों को सप्लाई होता है. समय-समय पर बाहरी पानी और वाटर एटीएम के अंदर के पानी का सैंपल लिया जाता है और लेबोरेटरी भेजा जाता है. वहां पर इसकी जांच होती है. रोडवेज अधिकारी रिपोर्ट मांगते हैं तो उन्हें जांच करा कर दी जाती है.

16 मार्च से सभी एसी बसों में प्लास्टिक के बोतल बंद
पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से आगामी 16 मार्च से सभी एसी बसों में प्लास्टिक के बोतल वाले पानी को बंद कर दिया जाएगा. इसकी जगह पर यात्रियों को एडिशनल व्यवस्था दे रहे हैं. बस स्टेशनों पर वाटर एटीएम से यात्री पानी ले सकेंगे. अभी 19 बस स्टेशनों पर वाटर एटीएम लगे हैं. इसी माह के आखिर तक 80 और बस स्टेशनों पर वाटर एटीएम लगा दिए जाएंगे.

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