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Published : Jan 23, 2021, 8:25 PM IST

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वक्फ डेवलपमेंट फोरम का हुआ गठन, काम में आएगी तेजी

यूपी में बड़ी तादाद में वक्फ संपत्तियां मौजूद हैं. इन बदहाल होती संपत्तियों के विकास और सरकार की स्कीमों के तहत उनके उत्थान के लिए वक्फ डेवलपमेंट फोरम का गठन हुआ है. इस फोरम के माध्यम से वक्फ के कामों का तेजी से निपटारा होगा.

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली

लखनऊः यूपी सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधीन 1 लाख 25 हजार से ज्यादा वक्फ संपत्तियां रजिस्टर्ड हैं. इनमें कई ऐसी सम्पत्तियां भी हैं जो बदहाली की कगार पर हैं. ऐसे में सरकार की योजनाओं के तहत इन सम्पत्तियों के बेहतर इस्तेमाल के लिए उनको विकसित किया जाएगा. वक्फ डेवलपमेंट फोरम सुन्नी वक्फ बोर्ड के साथ मिलकर इन सम्पत्तियों के उत्थान के लिए काम करेगा.

वक्फ डेवलपमेंट फोरम का गठन.

प्रदेश में वक्फ सम्पत्तियों के मामलों को हल करने के लिए वक्फ डेवलपमेंट फोरम का गठन किया गया है, जिसका चेयरमैन मुस्लिम धर्मगुरु और इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली को बनाया गया है. वक्फ डेवलपमेंट फोरम सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अधीन आने वाली संपत्तियों को बर्बादी से बचाने और उनके बेहतर इस्तेमाल के लिए काम करेगा. साथ ही उत्तरप्रदेश में मौजूद ऐसी सम्पत्तियां जो वक्फ होने के बावजूद अब तक वक्फ बोर्ड में दर्ज नहीं हो सकी हैं उनको सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में दर्ज कराने का काम भी इस फोरम के तहत होगा.

सुन्नी वक्फ बोर्ड का बोझ होगा कम
वक्फ डेवलपमेंट फोरम के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि यह फोरम सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के बोझ को कम करने का काम करेगा, क्योंकि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड में तकरीबन एक लाख 25 हजार से ज्यादा वक्फ संपत्तियां दर्ज हैं, उनकी देखरेख और उनसे जुड़े मामलों को वक्फ डेवलपमेंट फोरम जल्द निपटाने के लिए वक्फ बोर्ड की मदद करेगा.

नहीं लगाने होंगे वक्फ बोर्ड दफ्तर के चक्कर
प्रदेश में कई ऐसे मस्जिद, मदरसे और कब्रिस्तान भी हैं जो वक्फ होने के बावजूद वक्फ बोर्ड में अब तक दर्ज नहीं हैं. ऐसे में उनको रजिस्टर कराने के लिए वक्फ डेवलपमेंट फोरम सूबे में काम करेगा और उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के साथ मिलकर वक्फ संपत्तियों से जुड़े मामलों का काम आसान करेगा, जिससे लोगों को वक्फ बोर्ड के दफ्तर के चक्कर न लगाने पड़े.

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