लखनऊः उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम प्राइवेटाइजेशन की राह पर चल पड़ा है. यही कारण है कि उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम अपने होटलों को प्राइवेट हाथों में सौंपने की तैयारी भी कर रहा है. इस क्रम में प्रदेश के नौ होटलों को चिह्नित भी कर लिया गया है. जिन्हें जल्द ही पब्लिक सेक्टर को दिया जाएगा, जिससे पर्यटन निगम को इसका लाभ मिल सके.
पांच साल के लिए दिए जाएंगे होटल
उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के पूरे प्रदेश भर में 37 होटल हैं. इन होटलों में कई होटलों से जहां पर्यटन निगम को फायदा होता है, वहीं कई ऐसे होटल हैं जिनसे नुकसान भी होता है. ऐसे में घाटे के सौदे से निपटने के लिए पर्यटन निगम अपने होटलों को निजीकरण करने की तैयारी में लगा हुआ है. इस क्रम में प्रदेश के नौ होटलों को चिह्नित कर लिया गया है. जिन्हें निजी हाथों में पांच साल के लिए सौंपा जाएगा. इसकी कुछ शर्तें भी होंगी.
उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम को होगा फायदा
पर्यटन निगम के होटलों को निजी हाथों में देने के सवाल पर उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक शिवपाल सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि विगत 40 वर्षों से हम लोगों का अच्छा अनुभव रहा है. समय के साथ-साथ पर्यटकों की भी इच्छाएं बदल रही हैं इसलिए हम लोग एक नया प्रयोग कर रहे हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के नव होटलों को निजी हाथों में सौंपने पर काम किया जा रहा है. निश्चित रूप से इसका फायदा उत्तर प्रदेश पर्यटन निगम को मिलेगा.
इन होटलों का होगा निजी करण
पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक शिवपाल सिंह का कहना है कि प्रदेश में पर्यटन निगम के 37 होटल हैं. इनमें नौ होटलों को निजी हाथों में सौंपने पर काम शुरू हो गया है. यह आगरा, झांसी, गढ़मुक्तेश्वर, गोपीगंज, गाजीपुर, दोहरीघाट, मऊ, बरेली व बदायूं के होटल हैं.