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कोरोना की मार: सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक बाजार पड़ा ठंडा, 2000 करोड़ का माल गोदामों में कैद

गर्मी के इस मौसम में फ्रिज, एसी और कूलर का बाजार इस साल पूरी तरह से ठंडा पड़ा हुआ है. यूपी का सबसे बड़ा इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक आइटम का बाजार नाका मार्केट पूरी तरह से सन्नाटे में है. यूपी में इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक मार्केट के खस्ताहाल पर पेश है ETV Bharat की स्पेशल रिपोर्ट...

सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक बाजार पड़ा ठंडा
सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक बाजार पड़ा ठंडा

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Published : May 18, 2021, 4:13 PM IST

लखनऊ: गर्मी के इस मौसम में फ्रिज, एसी और कूलर का बाजार इस साल पूरी तरह से ठंडा पड़ा हुआ है. इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक आइटम का यह कारोबार कोरोना दूसरी लहर से चौपट हो गया. राजधानी में करीब 2000 करोड़ का इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल का माल दुकानों से लेकर गोदामों में कैद है. यूपी का सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक आइटम का बाजार नाका मार्केट पूरी तरह से सन्नाटे में है. यहां से आसपास के करीब 20 जिलों में इलेक्ट्रॉनिक आइटम की सप्लाई भी ठप हो गई है.

सबसे बड़ा इलेक्ट्रॉनिक बाजार पड़ा ठंडा

दिल्ली के बाद सबसे बड़ा बाजार लखनऊ में
नाका परीक्षेत्र व्यापार मंडल के कोषाध्यक्ष नीलेश अग्रवाल टाटा ने बताया कि दिल्ली के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स का सबसे बड़ा बाजार लखनऊ का नाका बाजार है. यहां से सिर्फ लखनऊ ही नहीं बल्कि आसपास के 20 से 25 जिलों में सामान की आपूर्ति की जाती है. जिनमें रायबरेली, सीतापुर, गोंडा, बहराइच, बस्ती, बलरामपुर, हरदोई, उन्नाव, लखीमपुर खीरी समेत कई अन्य जिले शामिल हैं. यहां से फ्रिज, एसी, कूलर पंखे जैसे तमाम आइटम दूसरे जिलों में भेजे जाते हैं.

रिटेल कारोबार सिर्फ 10% पर सिमटा
नाका में गुरुद्वारा रोड व्यापार मंडल के अध्यक्ष आसीत अग्रवाल आशीष ने बताया कि एसी कूलर और पंखे जैसे आइटम के लिए मार्च, अप्रैल, मई पीक सीजन होता है. पिछले साल इस समय कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लग गया था, जिससे कारोबार न के बराबर हुआ. इस साल लोगों को काफी उम्मीदें थी. सहालग को देखते हुए दिसंबर, जनवरी, फरवरी में सभी ने गोदामों में माल भर लिया, लेकिन जब तक सीजन शुरू होता कोरोना ने अपना प्रकोप दिखा दिया. आज स्थिति यह है कि रिटेल कारोबार 10% से भी कम रह गया है. जहां तक होलसेल की बात है तो यह कारोबार भी घटकर 30 से 40% पर आकर सिमट गया है.

कंपनियों का भुगतान तक फंस गया
गुरुद्वारा रोड व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष प्रदीप खेतान बताते हैं कि उन्होंने पंखों की बड़ी खेप कंपनी से मंगा ली थी. उम्मीद थी कि सहालग में सारा माल निकल जाएगा, लेकिन उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया. वह बताते हैं कि करोड़ों का माल गोदामों में पड़ा धूल फांक रहा है. उन्होंने कहा कि अब बारिश होने लगी है, इसलिए कूलर और पंखों के खरीदार भी आसानी से नहीं मिलेंगे. नाका में राजेश इलेक्ट्रॉनिक्स के मालिक राजेश गुप्ता ने बताया कि गोदामों में सामान रखा है. हालात ऐसे हैं कि सामान्य खर्चे तो दूर की बात है गोदामों का किराया निकालना भी मुश्किल हो रहा है. कंपनियां माल भी वापस नहीं लेंगी. अगर स्थितियां ऐसी ही रहीं तो आगे और भी मुश्किल हो सकती है.

ये है एक सीजन की अनुमानित बिक्री

  • करीब एक लाख एसी की बिक्री.
  • करीब 5 लाख कूलर की बिक्री.
  • करीब 8 लाख पंखे की बिक्री.
  • करीब ढाई से 3 लाख फ्रिज की बिक्री.
  • करीब 1000 करोड़ रुपए की होती है बिक्री.

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