लखनऊ : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने ईटीवी भारत से बातचीत में जाति जनगणना के मुद्दे पर जोरदार ढंग से अपनी बात की, लेकिन जब रामचरितमानस पर हुए विवाद पर उनसे सवाल पूछा गया तो वह कैमरे से भागने लगे. उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ जाति जनगणना पर बात करने का समय है. मानस विवाद पीछे हट गया है. दरअसल समाजवादी पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2014 और नगर निकाय चुनाव को देखते हुए सियासी नुकसान के डर से रामचरितमानस विवाद को पूरी तरह से विराम देने का फैसला किया है और जाति जनगणना के मुद्दे को धार देने की पूरी रणनीति बनाई है. इसी विषय पर आज ईटीवी भारत में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद और से बात की.
उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना चिर परिचित मांग रही है. वर्ष 1931 की जातीय जनगणना के बाद आज तक जातीय जनगणना नहीं कराई गई है. वर्ष 2010-11 में जाति जनगणना का आंकड़ा संकल्प जरूर किया गया था, लेकिन उसे सार्वजनिक नहीं किया गया था. जाति जनगणना ना होने के नाते जब भी आरक्षण के इंप्लीमेंटेशन की बात आती है कि क्या आबादी है और उसके अनुपात में आरक्षण वाले समाज की क्या हिस्सेदारी है तो इसका आंकड़ा सरकार के पास नहीं रहता है. उन्होंने कहा कि कई बार सर्वोच्च न्यायालय ने सवाल उठाया है कि सरकार जाति आंकड़ा प्रस्तुत करें. जातिगत आंकड़ा ना होने का बहाना लेकर सरकार हमेशा पल्ला झाड़ती रहती है.