लखनऊ:प्रदेश में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई के दौरान ही ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) को नियंत्रित करने के लिए चलाए गए. स्वास्थ्य विभाग को इस विशेष खोजी अभियान में उम्मीद से ज्यादा सफलता मिली है. 26 दिसम्बर से 25 जनवरी के बीच तीन चरणों में चलाये गए इस अभियान के दौरान कुल 13,827 मरीज खोजे गए. इन सभी का उपचार शुरू कर दिया गया है. गुरुवार को सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफॉर) के सहयोग से आयोजित राज्य स्तरीय मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला को संबोधित करते समय राज्य टीबी सेल के संयुक्त निदेशक डॉ. संतोष गुप्ता ने टीवी अभियान से जुड़ी जानकारियां साझा की. इस दौरान प्रदेश भर के जिला क्षय रोग अधिकारी और जिला स्तरीय पत्रकार भी ऑनलाइन जुड़े रहे.
राज्य टीबी सेल के कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर संतोष गुप्ता ने बताया कि अभी ये प्रोग्राम राज्य के 16 जिलों में चल रहा है. इसका 20 और जनपदों में विस्तार किया जा रहा है. इसके साथ ही 'निश्चय पोषण योजना' के तहत जल्द ही सभी जिलों में डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से लाभार्थियों को आर्थिक लाभ दिया जाएगा. हालांकि 66 जिलों में अभी यह सुविधा दी जा रही है. उन्होंने बताया कि 'टीबी हारेगा, देश जीतेगा अभियान' के पहले चरण में 26 दिसंबर से एक जनवरी तक वृद्धाश्रम, नारी निकेतन, मदरसा, अनाथालय, बाल सुधार गृह और जिला कारागारों में स्क्रीनिंग की गई. इस दौरान 1,31,526 कैदियों की जांच की गई. इसमे 193 कैदियों में क्षय रोग मिला, जबकि 108 कैदियों में कोविड-19 के लक्षण पाए गए.
मिशन मोड में चलेगा अभियान
राज्य कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम अब मिशन मोड में चलेगा. इससे समय से पहले लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि दो जनवरी से 12 जनवरी तक द्वितीय चरण में घर-घर दस्तक देकर मरीजों की तलाश की गई और 13 जनवरी से 25 जनवरी तक तृतीय चरण के दौरान कुल 63,311 निजी चिकित्सक क्लीनिक नर्सिंग होम लैब पैथोलॉजी और दवा विक्रेता के यहां नए मरीजों की खोज की गई.