लखनऊ: बलरामपुर अस्पताल प्रशासन की मनमानी मरीजों की जान पर भारी पड़ रही है. अफसरों ने मरीजों के वाहनों को रोकने के लिए अस्पताल के सारे गेट बंद कर दिए. इमरजेंसी तक में ताला लटक रहा है. सिर्फ आने-जाने का छोटा से रास्ता खोल रखा है. गंभीर अवस्था में एम्बुलेंस से आने वाले मरीजों को 25 से 30 मिनट बाद अस्पताल में प्रवेश मिल पा रहा है. अफसरों की अनदेखी ने सोमवार को एक मरीज की जान ले ली. अब तक दो मरीजों की इलाज के अभाव में सांसें थम चुकी हैं.
बलरामपुर अस्पताल में 756 बेड हैं. 40 बेड इमरजेंसी में हैं. अभी तक मरीजों को सीधे इमरजेंसी तक एम्बुलेंस लेकर जा रहे थे. ओपीडी मरीज भी वाहन भीतर लाकर खड़ा कर देते थे. अस्पताल का मुख्य गेट 24 घंटे खुला रहता था. अफसरों ने मुख्य गेट पर ताला जड़वा दिया. इरमजेंसी के निकट गेट पर भी ताला लगवा दिया है. यहां से सिर्फ मरीजों के पैदल आने का रास्ता खोला गया है. सुपर स्पेशियालिटी ब्लॉक के पास का गेट खुलवाया गया है. यहां एम्बुलेंस, डॉक्टर व कर्मचारियों के आने-जाने के लिए खोला जाता है. पर, दोपहर में अक्सर यहां जाम रहता है. निजी गाड़ी से पहुंचने वालों के लिए गेट खोलने में कर्मचारी आनाकानी करते हैं. कचहरी व डफरिन अस्पताल की तरफ का गेट भी बंद करा दिया गया है.