लखनऊ : जब बीजेपी की हर जिले में आंधी चली थी, उसमे विपक्षी दलों का किला खड़ा रहना अपने आप में बहुत कुछ कह रहा है. छठे चरण के 14 लोकसभा क्षेत्रों की 70 विधानसभा सीटों में से 43 पर भाजपा जीती थी. चार सीटें उसके सहयोगी अपना दल को मिलीं थीं. समाजवादी पार्टी को 10 सीटें मिलीं तो बसपा ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की. वहीं कांग्रेस की सबसे खराब हालत रही. उसके खाते में केवल प्रतापगढ़ की प्रमोद तिवारी की परंपरागत सीट रामपुर खास रही. रामपुर खास से प्रमोद की बेटी आराधना मिश्रा मोना जीतीं थीं.
इस चरण की सीटों पर विपक्ष दिख रहा मजबूत
- विधानसभा चुनाव में समूचा विपक्ष जब 78 सीटों में ही सिमट गया हो तब महज 14 लोकसभा क्षेत्रों में दो दर्जन सीटें हासिल करना विपक्ष की मजबूती का प्रमाण है.
- जातीय समीकरण इस चरण की कई सीटों पर विपक्ष के पक्ष में दिखाई पड़ रहा है. बीजेपी के उस लहर में भी सुल्तानपुर में समाजवादी पार्टी ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी.
- प्रतापगढ़ में कांग्रेस ने एक सीट जीती थी. फूलपुर की सभी सीटों पर भारतीय जनता पार्टी और सहयोगी दल ने जीत दर्ज की थी तो इलाहाबाद की एक सीट समाजवादी पार्टी ने जीती.
- अंबेडकरनगर में केवल दो सीटें भाजपा के खाते में गयी. वहीं बसपा ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की थी. श्रावस्ती में बसपा ने एक सीट जीती.
- लालगंज में बीजेपी ने एक तो सपा-बसपा ने दो-दो सीट हासिल की. आजमगढ़ में दो सीटों पर बहुजन समाज पार्टी और तीन सीटों पर समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज की थी.
- जौनपुर में दो समाजवादी पार्टी, दो बसपा ने हासिल की. वहीं मछली शहर में केवल एक सीट पर समाजवादी पार्टी जीत सकी तो भदोही में दो सीट बसपा के खाते में गई और एक सीट पर निषाद पार्टी ने जीत दर्ज की.