लखनऊ: रविवार को गुरु पूर्णिमा के दिन लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा. 30 दिन के अंदर लगने वाला यह साल का तीसरा ग्रहण है. भारतीय समयानुसार इसकी शुरुआत रविवार 5 जुलाई को प्रातः काल 8:38 बजे से लेकर रात्रि 11:21 तक रहेगी. चूंकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा और इस दौरान कोई भी कार्य वर्जित नहीं होगा.
समस्याकारक होगा ग्रहण
ईटीवी भारत से बात करते हुए ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि 30 दिन के अंदर तीसरी बार यह ग्रहण लग रहा है, जिस वजह से यह समस्याकारक होगा. उन्होंने बताया कि प्रत्येक जनमानस पर इसका असर पड़ेगा और प्रत्येक राशि पर 20 जुलाई तक इसके प्रभाव देखे जा सकते हैं.
ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र. भारत में नहीं दिखाई देगा
ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया यह उपछाया चंद्रग्रहण प्रातः काल 8:38 से शुरू होगा और सुबह 9:59 पर इसका मध्यकाल होगा, जिसके बाद रात्रि 11:21 पर यह समाप्त हो जाएगा. यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. पाश्चात्य देशों में ग्रहण देखा जाएगा, इसलिए इसमें सूतक के नियम लागू नहीं होंगे.
ग्रहण के बाद करें यह उपाय
डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि ग्रहण की समाप्ति के बाद सफेद चीजों से संबंधित दान कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि ग्रहण के दौरान भगवान शंकर या चंद्रमा के मंत्रों का जाप करना लाभकारी होगा. ज्योतिष आचार्य ने कहा कि 30 दिन के अंदर ग्रहण की पुनरावृत्ति होना अच्छा नहीं है. आने वाले दिनों में इसके व्यापक असर देखने को मिलेंगे.