लखनऊः नवाबों के शहर और प्रदेश की राजधानी लखनऊ ऐतिहासिक इमारतों के लिए जितनी मशहूर है उतने ही यहां के चौराहे भी खास हैं. ऐतिहासिक चौराहों की बात करें तो इनमें सबसे प्रसिद्ध चौक चौराहा है. नवाबों के नाम या उनके वजीर के नाम से बसाए गए इन चौराहों में भी कई अभी भी अपनी पहचान राजधानी में ही नहीं बल्कि विश्वस्तर पर बनाए हुए हैं. कुछ चौराहों की बनावट अनूठी है.
3.कोनेश्वर चौराहा
चौक इलाके का यह चौराहा शिव मंदिर के नाम से जाना जाता है. मुस्लिम समुदाय क्षेत्र होने के बावजूद भी यह चौराहा गंगा-जमुनी तहजीब का उदाहरण है.
4.अटल चौराहा (हजरतगंज चौराहा)
लखनऊ का दिल कहे जाने वाले हजरतगंज चौराहे को अब अटल चौक के नाम से जाना जाता है. इतिहासकार योगेश प्रवीण ने बताया कि नवाब नसीरुद्दीन हैदर ने 1827 ई. में चाइना बाजार और कप्तान बाजार को मिलाकर हजरतगंज की स्थापना की थी. इस चौराहे की खासियत यह है कि यहां से 6 सड़कें निकलती हैं.
5.छन्नीलाल चौराहा
योगेश प्रवीण बताते हैं कि महानगर के छन्नीलाल के नाम से मशहूर 'छन्नीलाल चाय की दुकान' अभी भी मौजूद है. इस चौराहे के बारे में यह प्रसिद्ध है कि महानगर में जब नंबर के हिसाब से मकान की तलाश मुश्किल हो जाती थी. तब पता पूछने के लिए लोग छन्नीलाल के पास आते थे. दशकों के बाद भी इस चौराहे को इसी नाम से जाना जाता है. नवाबी काल से शहर के चौराहों की पहचान रही है. नवाबों के शहर में काफी बदलाव हुए उन्हीं में चौराहें भी शामिल हैं. गंगा-जमुनी तहजीब के मिसाल बन रहे यह चौराहे नई इबारत लिख रहे हैं.
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