लखनऊ :लोकसभा चुनावों में भले ही अभी कुछ महीनों का समय बाकी हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में अभी से चुनावी रंग चढ़ने लगा है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी हो या प्रदेश का मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी, सभी पार्टियों के नेताओं ने चुनाव को लेकर अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. जिलों के दौरों, सभाओं और कार्यक्रमों में शिरकत करने का दौर जोर पकड़ चुका है. ऐसे में एक बार फिर यह सवाल आ खड़ा हुआ है कि क्या प्रदेश की मुख्य विपक्षी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव अतीत की गलतियों से सबक लेकर भारतीय जनता पार्टी के सामने चुनौती खड़ी करने में कामयाब होंगे.
वर्ष 2017 और 2022 के विधानसभा चुनाव हों या 2019 का लोकसभा चुनाव, समाजवादी पार्टी ने कई ऐसी गलतियां की थीं, जिन्हें पार्टी के लिए आत्मघाती माना गया. वर्ष 2019 और 2022 में सपा के टिकट वितरण में तमाम खामियां थीं. कई जिताऊ उम्मीदवारों की जगह ऐसे नेताओं को प्रत्याशी बनाया गया जो अन्य दलों से सपा में शामिल हुए थे. कुछ टिकट घोषित हुए फिर उन्हें बदल दिया गया. कई स्थानों पर जातीय समीकरणों का ध्यान नहीं रखा गया. यही नहीं वर्ष 2017 के चुनाव में सत्ता गंवाने के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर आरोप लगे कि वह अपने निर्णयों में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को शामिल नहीं करते. इसीलिए उन्हें पराजय का सामना करना पड़ता है. यह भी कहा जाता रहा है कि अखिलेश यादव कुछ खास ऐसे लोगों से घिरे हैं, जिन्हें राजनीति का ज्यादा तजुर्बा नहीं है. अखिलेश यादव को भाजपा के सामने चुनौती खड़ी करने के लिए इन सभी बातों पर ध्यान देना होगा. रामचरित मानस जैसे कई विषय भी होते हैं, जिन पर बयान पार्टी पर भारी पड़ते हैं. ऐसे बयानों से भी पार्टी को सतर्क रहना होगा.
यदि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों की बात करें तो भाजपा को 41.29 प्रतिशत वोट मिले और वह सत्ता पाने में सफल रही. वहीं समाजवादी पार्टी को 32.06 प्रतिशत वोट मिले और वह दूसरे नंबर पर रही. सपा वर्ष 2017 के मुकाबले दोगुनी से ज्यादा सीटें जीतने में कामयाब रही. बहुजन समाज पार्टी को महज 12.88 प्रतिशत वोट मिले, राष्ट्रीय लोकदल 2.86 प्रतिशत, कांग्रेस पार्टी को 2.33 प्रतिशत, अपना दल (एस) को 1.62 प्रतिशत, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को 1.36 प्रतिशत, निषाद पार्टी को 0.91 प्रतिशत, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन को 0.49 प्रतिशत और आम आदमी पार्टी को 0.38 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए. गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी का गठन 04 अक्टूबर 1992 को मुलायम सिंह यादव ने किया था. वह उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री और एक बार रक्षा मंत्री भी रहे.