लखनऊ : मौजूदा दौर में जमाना कहां से कहां पहुंच गया है, लेकिन सेक्स से संबंधित बातों को लोग आज भी खुलकर नहीं करते हैं. इसके बारे में लोग गूगल से सर्च जरूर करेंगे, लेकिन किसी स्पेशलिस्ट डॉक्टर से बात नहीं करेंगे. मर्दाना कमजोरी के लिए अक्सर आपने शहरों में जगह-जगह लगे विज्ञापनों को देखा ही होगा, जो किसी प्रकार की दवाओं व तेल आदि के जरिए सेक्स से संबंधित समस्याओं को दूर करने का दावा करते हैं. बहुत सारे लोग बिना जानकारी लिए इन दवाओं का सेवन भी कर लेते हैं, वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 'मर्दाना क्लीनिक में किए जा रहे इलाज के लिए अभी तक किसी भी क्लीनिक का कोई भी पंजीकरण मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में नहीं है. इसके अलावा विशेषज्ञ डॉक्टरों के मुताबिक यह दवाएं शरीर के लिए काफी ज्यादा नुकसानदायक होती हैं, क्योंकि यह दवाएं रक्त संचार को नुकसान पहुंचाती हैं.'
केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एसएन शंखवार ने कहा कि 'शहरों में जगह-जगह इस तरह की क्लीनिक से संबंधित पोस्टर बैनर लगे रहते हैं. ऑनलाइन भी मोबाइल पर तमाम तरह के विज्ञापन सामने आते हैं, जिसे देखकर लोग सोच लेते हैं कि शायद यह समस्या का निदान कर सकते हैं, लेकिन हकीकत इससे कुछ अलग ही होती है. इस तरह से यह आम पब्लिक को गुमराह करते हैं. जाहिर तौर पर सरकार को इस तरह की क्लीनिक पर रोक लगाने के लिए कदम उठाना चाहिए, क्योंकि इन क्लीनिक के कारण बहुत सारे लोग बगैर किसी स्पेशलिस्ट डॉक्टर के परामर्श के लिए दवाओं का सेवन कर लेते हैं. बहुत सारे लोग नीम हकीम की बातों पर विश्वास कर लेते हैं. तमाम चीजें अपना लेते हैं. इसलिए कहीं न कहीं लोगों में भी जागरूकता की कमी है. क्लीनिक की कोई ऑथेंटिसिटी नहीं होती है. बहुत सारे क्लीनिक स्वास्थ्य विभाग से पंजीकृत नहीं होते हैं और इन क्लीनिकों के बीच में भी प्रतिस्पर्धा रहती है. बहुत सारे लोग इनकी बातों पर विश्वास करते हैं जिसका अंजाम बाद में बुरा होता है.
सरकारी अस्पताल में उपलब्ध हैं विशेषज्ञ :डॉ. शंखवार के मुताबिक, 'सभी जिलों के सरकारी अस्पतालों में इसकी अलग से ओपीडी चलती है. सेक्स से संबंधित दिक्कतें होने पर महिलाओं के लिए महिला रोग विशेषज्ञ अस्पतालों में नियुक्त होती हैं. इसके अलावा फिजीशियन आपको गाइड कर सकता है, वहीं मेडिकल कॉलेज में यूरोलॉजी विभाग भी है, जो आपको इससे संबंधित समस्याओं का निदान कर सकता है, लेकिन इसके लिए भी जरूरी है कि आप अस्पताल में डॉक्टर से अपनी बातें बताएं डॉक्टर से बात बताने में संकोच न करें.'