लखनऊ :समाज कल्याण विभाग की ओर से विद्यार्थियों को मिलने वाली छात्रवृत्ति को लेकर प्रदेश के छात्र काफी परेशान हैं. विभाग की ओर से छात्रवृत्ति का पैसा प्रदेश के लाखों विद्यार्थियों के खाते में नहीं पहुंचा है. स्कॉलरशिप के लिए जब विद्यार्थियों ने अपने संबंधित विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों में संपर्क किया तो उन्हें जानकारी न होने की बात कहकर वापस भेज दिया जा रहा है, जबकि इस पूरे मामले पर समाज कल्याण विभाग का कहना है कि जिन विश्वविद्यालयों ने स्कॉलरशिप फॉर्म को फॉरवर्ड नहीं किया है, उन विद्यार्थियों के स्कॉलरशिप फंस गई है. विद्यार्थी स्कॉलरशिप के लिए सोशल मीडिया से लेकर समाज कल्याण विभाग के दफ्तर तक आवाज उठा रहे, लेकिन उनके मामले में कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
समाज कल्याण विभाग के उप निदेशक अजीत प्रताप सिंह का कहना है कि 'विश्वविद्यालयों की गलती विद्यार्थियों पर भारी पड़ रही है, वहीं प्रदेश में ओबीसी वर्ग के विद्यार्थियों द्वारा किए गए दशमोत्तर छात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति के 2,73,489 आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं, जिन्हें विश्वविद्यालयों (एफिलियेटिंग एजेंसी) द्वारा निर्धारित समय 31 जनवरी तक पोर्टल पर लॉक नहीं किया गया था. इस कारण योजना से तमाम डिग्री काॅलेज की छात्र-छात्राएं समय से आवेदन करने पर भी वंचित रह गए हैं, वहीं प्रदेश के एकेटीयू जैसे बड़े विश्वविद्यालयों में भी अभी तक विद्यार्थियों को स्कॉलरशिप नहीं मिली है.'