लखनऊःकोरोना काल में लोगों के लिए कवच बना आरोग्य सेतु ऐप को लेकर अब नया विवाद खड़ा हो गया है. दरअसल, सरकारी वेबसाइट डिजाइन करने वाली नेशनल इंफोर्मेटिक्स ब्यूरो(एनआईसी) ने एक आरटीआई जवाब में कहा कि उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि आरोग्य सेतु एप किसने बनाया है और इसे कैसे बनाया गया है.
एनआईसी के इस जवाब को विपक्षी पार्टियों ने हाथों हाथ लिया और सरकार पर सवालों के बौछार शुरू हो गए. ऐप को लेकर निजता के हनन का पहले से ही सामना कर रही सरकार के लिए यह असहज करने वाली स्थिति है. ऐसे में समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने ट्विट कर सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कई सवाल पूछे हैं.
सुनील सिंह साजन ने सरकार द्वारा आरोग्य सेतु एप के निर्माताओं के बारे में सूचना न देने को लेकर कहा है कि आखिर सरकार ऐप बनाने वालों के संदर्भ में जानकारी क्यों नहीं उपलब्ध करा रही है, क्या यह लोगों की निजता का हनन नहीं है. उन्होंने कहा कि 'हर नागरिक को आरोग्य सेतु डाउनलोड करने वाली मोदी सरकार से जब पूछा जा रहा है कि आरोग्य सेतु किसने बनाया, तो कह रही है कि न बताएं और न ही कागज दिखाएगें. करोड़ों नागरिकों की निजता और डाटा को खतरे में डालने वाली सरकार आखिर क्यों मुंह चुरा रही है?'
बीजेपी पर हमलावर है सपा
यही नहीं आरोग्य सेतु ऐप के विवाद को सपा उपचुनाव में भुनाने की भी कोशिश में है, लिहाजा प्रदेश की सात सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी बीजेपी के नेतृत्व वाली योगी सरकार पर सरकारी मशीनरी के दुरपयोग का आरोप लगा रही है. सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने कहा कि योगी सरकार सरकारी मशीनरी के प्रयोग से उपचुनाव जीतने पर जोर लगा रही है.